बाल कविता। पढ़े बच्चों के लिए बाल कवितायेँ
बाल कविता – गिनती ball kavita in hindi
भगवान होता है एक
काम करो जरूर नेक।
मुझे तुम दो दो स्लेट
स्कूल से न हूं मैं लेट।
किताबें मेरी है तीन
मेरे खिलौना में हो बीन।
वेदों की संख्या होती चार
न करो कभी ग़लत विचार।
पांडवों थे महाभारत में पांच
बुराई की कभी ना आए आंच।
छः को गिनती में कहते छिका
पढ़ाई का नशा न हो फिका ।
सप्ताह में दिन होते सात
हमेशा करो तुम अच्छी बात ।
महिला दिवस मार्च माह तारिख आठ
कन्या को जन्म दो पल्लू बांधों गांठ।
सौर परिवार में ग्रहों की संख्या होती नौ
देर रात तक पढ़े कभी ना जल्दी सो ।
यह सुनी आपने दस तक गिनती
खान मनजीत की टीम पूरी सुनती ।
बाल कविता – रेलगाड़ी
गाड़ी रेल गाड़ी आओ
सब खेले खेल।
कोई सवारी कोई ड्राइवर
देखो कितना इनका मेल ।
आगे वाला इंजन बन जाता।
पीछे वाला हरी झंडी दिखाता।
दूसरे की पकड़े झोली।
यह है हम सब
बच्चों की टोली।
प्यार प्रेम से हम रहते हैं।
सभी को हम यह संदेश देते हैं।
बाल कविता – कायदा
मम्मी मम्मी लाओ कायदा।
इसने पढ़ने से होगा फायदा।
अ अनार आ आम इसमें आते।
सभी को हम जल्दी सीख जाते।
ए बी सी डी इसमें आती।
यह हमको खूब अड़चन लाती।
स्कूल से हम सीख पाते हैं।
छुट्टी होने पर घर जाते हैं।
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कवि द्वारा इस कविता को पूर्ण रूप से स्वयं का बताया गया है। ओर हमारे पास इसके पुक्ते रिकॉर्ड्स है। कवि ने स्वयं माना है यह कविता उन्होंने किसी ओर वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं करवाई है।रचनाकार – खान मनजीत भावड़िया मजीदगांव भावड तह गोहाना जिला सोनीपत हरियाणा
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