Short Poem on Holi in Hindi

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Short Poem on Holi in Hindi

Holi par Kavita
Holi par Kavita


रोमांचक दिन होली 

लाल, नीले, नारंगी और हरे, 
खुश गाल मेरे 
गालों पर और मेरे कपड़ों पर,
मेरे हाथों पर और
मेरी नाक पर देखे जा सकते हैं।
अनेक रंग के गुलाल व रंग
होली यहाँ – साल का एक रोमांचक दिन

सितार के झोंके, तबले ढोल! 
होली यहाँ – साल का एक रोमांचक दिन
लाल, नीले, नारंगी और हरे, 
चमचमाते पाउडर सड़कों पर और 
बाज़ार में, मेरे बालों में और 
मेरे चेहरे पर देखे जा सकते है
अनेक रंग में गुलाल व रंग
होली यहाँ – साल का एक रोमांचक दिन

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कवि द्वारा इस कविता को पूर्ण रूप से स्वयं का बताया गया है। ओर हमारे पास इसके पुक्ते रिकॉर्ड्स है। कवि ने स्वयं माना है यह कविता उन्होंने किसी ओर वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं करवाई है।
रचनाकार – खान मनजीत भावड़िया मजीद
गांव भावड तह गोहाना जिला सोनीपत हरियाणा
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