Short and long Essay on holi in hindi

Reading Time: 6 minutes

पुरे भारत वर्ष में प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला होली का त्यौहार को हम रंगो का त्यौहार भी कहते हैं। यह काफ़ी धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार है।

आज हम पढ़ने वाले है essay on holi in hindi होली पर निबंध। यह निबंध हमने class 1 class 2 class 3 class 4 class 5 class 6 class 7 class 8 class 9 class 10 व दूसरे सभी बड़े व छोटे विद्यार्थियो के लिए लिखा है।

इस निबंध को पुरा पढ़ने के पश्चात् आप इसे अपने द्वारा 150 words 200 words 300 words 400 words 500 words अथवा 1000 words में लिख सकते हैं और अपने होमवर्क कार्य को पूर्ण कर सकते हैं।

Short Essay on Holi in Hindi (होली पर छोटा निबंध) 

होली पूरे भारतवर्ष में बड़ी धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार में से प्रमुख है। होली का त्यौहार प्रतिवर्ष हिंदी महीनों के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।

होली का त्यौहार पुराने सभी लड़ाई झगड़ा को भुलाकर एक होने का प्रेम का त्यौहार है। यह रंगों के त्योहार से भी विख्यात है। इस दिन सभी एक दूसरे को रंग लगाते हैं मस्ती करते हैं और खूब नाच गाना करते हैं।

इस त्योहार को मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं मानी जाती है। माना जाता है इस दिन भगवान विष्णु ने खुद आकर उनके परम भक्त प्रहलाद की अग्नि से रक्षा की थी।

और प्रहलाद को गोद में लेकर बेठने वाली होलीका व उसके पिता हिरनाकश्यप का अंत किया था।

इसी उपलक्ष्य में रंगों के इस त्यौहार से 1 दिन पहले होलीका दहन भी किया जाता है।

इस त्योहार को बच्चे, बूढ़े और सभी व्यक्ति बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। नन्हे बच्चे पिचकारियाँ चलाते हैं। बड़े बुजुर्ग एक दूसरे को रंग लगाते हैं। पुरानी लड़ाई झगड़ों को भूलकर आपस में गले मिलते हैं। और खूब मस्ती करते हैं।

घर-घर में नए-नए पकवानों का लुफ्त उठाया जाता है। एक दूसरे में मिठाइयां बांटी जाती है। होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। बुराई चाहे कितनी भी हावी क्यों ना हो एक दिन उसे जलकर खाक होना ही पड़ता है।

___________________

Easy essay on Holi in Hindi (होली पर निबंध)

प्रस्तावना 

होली का त्योहार भारतीय त्योहारों में से एक प्रमुख त्योहार है। इसे रंगों के त्योहार के नाम से भी जाना व पहचाना जाता है। होली का त्योहार मनाने के पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं। इस त्योहार पर सभी एक दूसरे के गले मिलते हैं। मिठाइयां बांटते हैं। आपस में एक दूसरे को खूब रंग लगाते हैं।

इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई का प्रतीक भी माना जाता है।

कब मनाया जाता है 

होली का त्यौहार प्रतिवर्ष फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। अंग्रेजी महीनों के अनुसार यह त्यौहार सामान्यत मार्च-अप्रैल में आता है। इस समय किसानों की सालभर की मेहनत रंग लाती हैं अर्थात् धान की कटाई होती है। और किसान खुशी-खुशी अनाज को अपने घर लेकर आते हैं।

मनाने का कारण 

इस त्यौहार को मनाने के पीछे कई कारण व कथाएं शामिल है। माना जाता है हिरण्यकश्यप नाम का एक बहुत बड़ा राक्षस था जिसकी एक बेटी होलिका व एक बेटा प्रहलाद था। यह अपने आप को संपूर्ण पृथ्वी का महान व्यक्ति मानता था और खुद को भगवान समझता था। दूसरो से भी यह अपने आप को भगवान कहलवाता था।

लेकिन इसका पुत्र प्रहलाद इसके खिलाफ था वह अपने लिए भगवान व सब कुछ भगवान विष्णु को मानता था। इससे क्रोधित होते हुए उसने कई बार प्रहलाद को यातनाएं दी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। 

प्रहलाद हमेशा भगवान विष्णु का नाम जपता रहता था।

प्रहलाद की बहन होलिका को आग में जलने का वरदान प्राप्त था। इसलिए 1 दिन हिरण्यकश्यप ने होलिका को पहलाद को गोद में बिठाकर आग में बैठा दिया।

इस दौरान भगवान विष्णु ने चमत्कार करते हुए होलिका के ऊपर रखे कपड़ों को हटाकर प्रहलाद के ऊपर डाल दिया और होलिका जलकर भस्म हो गई।

तब से आज तक यह त्यौहार अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य में मनाया जाता आ रहा है।

इस त्यौहार को मनाने का तरीका 

होली का त्यौहार मुख्यत दो दिनों का होता है। पहले दिन होलिका दहन किया जाता है और फिर अगले दिन रंगों के साथ खेला जाता है।

गांव, शहर, गलियों, कस्बों में बहुत बड़ी लकड़ी की सहायता से एक होलिका बनाई जाती है। और फिर रात को किसी शुभ मुहर्रत पर इसकी पूजा की जाती है और फिर आग लगा दी जाती है।

अगले दिन गांव वाले, पूरे मोहल्ले के व्यक्ति या घर के सदस्य एक दूसरों को रंग लगाते हैं एवं एक दूसरे के घर जाकर सब को एक होने को प्रेरित करते हैं।

हर्षोल्लास का त्यौहार 

वाकई में होली का त्योहार काफी उल्लास पूर्ण होता है। इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है। बच्चे एक दूसरे पर कलर छिड़कते हैं। पिचकारी का प्रयोग करते हैं।

खेलते कूदते हैं और खूब मिठाइयों का लुफ्त उठाते हैं।

गांवों में शहरों में ढोल डीजे का प्रबंध किया जाता है। और होली के गाने सुने जाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति नाचता है और खुशी से झूम उठता है।

वैरभाव समाप्त 

बुरा ना मानो होली है।”

बहुत प्रचलित व इसी दिन सबसे मुंह पर रहने वाला वाक्य है। इसका सीधा सा अर्थ यही है यह दिन किसी भी तरह से किसी पर गुस्सा होना बुरा मानना या अकेले रहने से संबंधित नहीं है।

पुराने लड़ाई झगड़ों को भूलकर फिर एक हो जाते हैं। आपस में गले मिलते हैं। और फिर साथ यह त्यौहार मनाने का वचन एक दूसरे को देते हैं।

यह त्योहारों लड़ाईओ को भुलकर एक होने से भी संबंधित हैं।

अच्छाई की जीत 

कहा जाता है बुराई चाहे कितनी भी बड़ी हो जीत हमेशा अच्छाई की होती है और आज के दिन यही हुआ था।

भगवान विष्णु द्वारा होलिका का भस्म करना वह प्रहलाद को बचाना बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

होलिका दहन के दौरान लोग इसकी प्रकिमा लगाते हैं। माना जाता है इससे अपने बुराइयां नष्ट हो जाते हैं। ऐसा भी कहा जाता है। अपनी किसी इच्छा या कोई मनोकामना पेज में लिखकर होलिका दहन के दौरान उसने फेंकने से वह अवश्य पूरी होती है।

उपसंहार 

बुराई पर अच्छाई की जीत, एक साथ मिलकर रहने का प्रतीक, रंगों का यह त्यौहार पूरे भारतवर्ष व दुनिया भर में बहुत प्रचलित है।

इसे देशभर के हर कोने में मनाया जाता है। यह त्योहार किसानों के धान के पकने की खुशी से भी संबंधित है।

__________________

आशा करते हैं आपका महत्त्वपूर्ण कार्य इस निबंध की सहायता से संपूर्ण हुआ होगा और यदि आपके साथियों को इसकी आवश्यकता है तो उनके साथ इस holi essay in Hindi (होली पर निबंध) को अवश्य साझा करें।

और हिंदी अंश को विजिट करते रहें।

FAQ (frequently asked questions) related to Holi in Hindi

1. होली कब मनाते हैं?
होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाते हैं।

2. होली क्यों मनाते हैं?
भगवान विष्णु द्वारा प्रहलाद को बचाए जाना ओर बुराई पर अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य में इस त्यौहार को मनाया जाता है।

3. होली का त्यौहार और किस नाम से जाना जाता है?
होली को रंगो का त्यौहार भी कहा जाता है।

4. 2022 में होली कब है?
2022 में होली 18 मार्च को है।

Leave a Comment