रोहित की इच्छा
रोहित का जन्म बहुत ही गरीब घर में हुआ था। उसके जन्म के कुछ समय पश्चात ही उसकी मां की मृत्यु हो गई थी। उसके घर में सिर्फ व और उसके पापा दोनों रहते थे।
रोहित जैसे-जैसे बड़ा होता जा रहा था उसके नखरे भी बढ़ते जा रहे थे। उसके पिता हमेशा उसकी हर इच्छा पूरी करने की कोशिश करते थे।जब रोहित के दोस्त अपने छोटे से स्कूल को छोड़कर एक बड़े स्कूल में प्रवेश कर गए,तो रोहित भी उनके साथ हो लिया। उसके पिताजी द्वारा स्कूल का खर्च उठाना बहुत महंगा पड़ रहा था,लेकिन फिर भी वह मान गए।
जब रोहित के दोस्त नया मोबाइल लाए। तब उसने भी अपने पिताजी को नया मोबाइल लाने को कहा। परंतु रोहित के पापा ने मना कर दिया तो रोहित ने 2 दिन तक खाना नहीं खाया।इसे देखते हुए रोहित के पिताजी ने उसे नया मोबाइल दिला दिया।
कुछ समय बीता ही था कि रोहित के दोस्त अपनी खुद की मोटरसाइकिल ले आए। और उन्होंने रोहित को भी कहा कि वह भी उसके पिताजी को कहे कि उसे भी नई मोटरसाइकिल की जरूरत है। शुरुआत में रोहित सोचता है,मेरे पापा इतना पैसा कहां से लाएंगे, तो वह अपने पिताजी को इस बारे में नहीं बताता है।कुछ दिनों पश्चात रोहित के दोस्त उसका मजाक उड़ाना शुरू कर देते हैं, और कहते हैं अब तुझे हमारे साथ नहीं रहना चाहिए तू तो गरीब है, तेरे पास कुछ नहीं है।
जब रोहित अपने घर के हालात अपने दोस्तों को बताता है तो उसके दोस्त कहते हैं,तुझे घर पर मर जाने का नाटक करना चाहिए तो वह जरूर तेरी इच्छा पूरी करेंगे।
रोहित अगले ही दिन अपने पापा को मोटरसाइकिल लाने को कहता है।जब रोहित जी पिताजी मना कर देते हैं तो वह कहता है पिता जी अगर आपने मुझे मोटरसाइकिल नहीं दिलाई तो मैं मर जाऊंगा।
उसके पापा समझ जाते हैं,लड़का अब हाथ से निकल चुका है और वे बैंक से अपने जमीन के कागजात पर ऋण लेकर मोटरसाइकिल ले आते हैं।रोहित बहुत खुश हो जाता है पर उसे कहां पता था कि पापा यह पैसे कहां से लाए होंगे। समय बीतता गया और दो-तीन वर्ष पश्चात, उसके दोस्त अब महंगे महंगे आई फोन लेकर आ गए।
अब कुछ ही समय बाद रोहित के दोस्त उसे भी आईफोन लाने को कहते हैं।परंतु रोहित मना कर देता है और कहता है मेरे पापा के पास अब पैसे नहीं होंगे। तभी उसका एक दोस्त कहता है पहले भी तो तेरे पापा ने मना कर दिया था लेकिन बाद में उन्होंने तेरी इच्छा पूरी की थी ना, जरूर उनके पास पैसे होंगे पर वे तुझे बताते नहीं होंगे।रोहित के दिमाग में यह बात बैठ गई।
उसने अगले ही दिन अपने पापा को नया आईफोन लाने को कह दिया। उसके पापा ने साफ मना कर दिया और कहा पहले भी मैंने बैंक से अपनी जमीन पर ऋण लिया था।अभी तक वह चुका नहीं पाया हूं और अब तेरे मोबाइल लाने के लिए पैसे कहां से लाऊं। इससे पहले कि रोहित हामी भरता उसे उसके दोस्त की बात याद आ गई और सोचने लगा अगर पापा बैंक से ऋण लेते तो जरूर मुझे पहले बताते जरूर इनके पास पैसे होंगे परंतु मुझे बताते नहीं होंगे।
तब रोहित कहता है नहीं पापा अगर आप आईफोन नहीं लाए तो मैं यह घर छोड़ कर चला जाऊंगा उसके पापा ने अब कुछ भी न कहते हुए गांव के एक सेठ से अपने घर के कागजात पर कर्ज ले लिया और यह भी हस्ताक्षर कर दिए कि अगर वह पैसे नहीं लौटा पाया तो सेठ उसका घर नीलाम कर सकता है। और रोहित का नया आईफोन आ जाता है।
कुछ समय पश्चात रोहित के पिताजी की मृत्यु हो जाती है।अब क्या था कुछ ही दिनों में बैंक से नोटिस आने लगा कि बैंक से लिया गया ऋण जमा कराएं नहीं तो वह उनकी जमीन नीलाम कर देंगे। रोहित की परेशानी बढ़ने लगती है। इधर एक दिन सेठ ने भी अपने आदमियों को रोहित के घर भेज दिया।जब रोहित ने अपने दोस्तों को यह बात बताई तो उसके दोस्तों ने उसका साथ छोड़ दिया और देखते ही देखते रोहित के पास अपने शरीर व कुछ अन्य सामान के अलावा कुछ नहीं बचा अब सड़क के किनारे बैठा बैठा अपने पापा की बातों को याद करते हुए रो रहा था और सोच रहा था कि काश मैं पहले अपने पिताजी की बात मान लेता परंतु रोहित की अब कहावत के अनुसार
“अब पछताए होत क्या,
जब चिड़िया चुग गई खेत”
वाली स्थिति हो रही थी।
निष्कर्ष-
हमेशा अपने पास जितना है उस में खुश रहे और अपने परिवार वाली कि स्थिति को भी ध्यान में रखे।
जिस प्रकार आज की न्यू जनरेशन के लोगों के नखरे बढ़ते जा रहे हैं। बाद में इससे खुद को ही नुकसान पहुंचने वाला है।और दोस्त तो ऐसे रखो कि अपने को सही रास्ता बताएं ना कि सही रास्ते से गलत रास्ते पर पहुंचाएं।
तो दोस्तों आपको यह कहानी कैसी लगी हम कमेंट करके जरूर बताएं।
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