Pubg पर कविता/poem on pubg in hindi
दोस्तो, बचपन में या कभी भी आपने pubg, एक ऐसा गेम जो हर किसी ने खेला है खेला ही होगा। यदि आपने यह गेम नहीं खेला है तो नाम तो अवश्य सुना ही होगा।
यह एक ऐसा गेम है जिसके ऊपर हर कोई दीवाना था और अभी भी है।
इस पोस्ट में आप पढ़ेंगे, Pubg पर एक ऐसी हास्यप्रद कविता जिसे पढ़ने के बाद आपको हसी भी आएगी और कुछ नया सीखने को भी मिलेगा।
pubg खेलता एक व्यक्ति
Pubg पर कविता
Pubg है भाई pubg हैं,
ऐसा मत कहना भाई, यही सबसे बड़ी एक गलती है।
माना हर कोई खेलता है हर किसी गेम को,
पर तुम मत करते रह जाना pubg pubg
थोड़ा अपने कैरियर पर भी ध्यान दे लेना,
नहीं तो करते रह जाओगे लो.. सब्जी सब्जी।
Pubg से युवाओं को तो ऐसा लगा,
मानो उन्हें कोई रोजगार हो मिला।
हर किसी ने महंगा महंगा मोबाइल मंगवाया,
मुश्किल जो था इसका छोटे मोबाइल में चल पाना।
दोस्तों के संग एक टीम बनाकर,
खुद को माना जैसे किसी सेना का कमांडर।
फिर उतर जाते किसी अच्छी जगह पर,
भागने लगते फिर किसी आशियाने पर।
सामान का तो हर कोई है यहां भूखा,
इनके बिना तो जीवन है सुना सुना।
सामान न मिले यदि कोई,
कुछ ही समय में खुद निपट जान्यी।
बचने का मिलता है दोबारा मोका,
यदि पूरी तरह न निकले धुंआ।
जैसे ही धुंआ निकलता,
कोई अपना ही लूट ले जाता।
वा रे pubg तूने क्या कमाल किया,
खेलने के लिए तुझे महंगा बेलेंस डलवाया।
दिन रात अपने आप को तेरे अंदर पाया,
जब जरूरत पड़ी दूसरों की तो खुद को अकेला पाया।
माना हर कोई खेलता है हर किसी गेम को,
पर तुम मत करते रह जाना pubg pubg
थोड़ा अपने कैरियर पर भी ध्यान दे लेना,
नहीं तो करते रह जाओगे लो.. सब्जी सब्जी।
हर कोई इससे इतना पागल जो हो गया,
समय आने पर अपनों के ही खिलाफ हो गया।
एक बार जो पड़ गया कोई इसके चक्कर में,
समझ लो कम नहीं किसी भी प्रकार के नशे से।
एरोप्लेन से हम नीचे उतरते,
खुद को जैसे vip समझते।
जब जीत हो जाती इसमें,
तब विनर विनर चिकन करते।
हालांकि मिलता नहीं कुछ इससे,
बस कहने को हम मजे करते।
युवाओं का शरारिक/मानसिक विकास इससे है रुका,
क्योंकि इससे बचने का कोई न था मोका।
सिर्फ एक पारी खेलने,
हर कोई मैदान में उतरता।
फिर खेलते ही रह जाते,
कब समय निकल जाता।
एक समय ऐसा भी आया,
हर कोई चारो ओर pubg दीवाना कहलाया।
सब मग्न थे ईश्क/प्यार/मोहबत में,
लेकिन कुछ लिन थे चिकन डिनर करने में।
जब एक बार इसे कोई शुरू कर देता,
फिर आसपास वालो कि तो शायद ही कोई सुनता।
माना हर कोई खेलता है हर किसी गेम को,
पर तुम मत करते रह जाना pubg pubg
थोड़ा अपने कैरियर पर भी ध्यान दे लेना,
नहीं तो करते रह जाओगे लो.. सब्जी सब्जी।
कोरोना काल में तो अलग ही मजा आया,
क्योंकि पूरे दिन हर कोई इसी में समाया।
पूरे दिनभर सिर्फ pubg खेलना,
फिर खाना पीना और मज़े से सो जाना।
स्कूल हो गए थे सारे बंद,
जब चारो और लगा लोक डाउन।
pubg खेलने वालो में हुआ इजाफा,
कोई तो अपना मानसिक संतुलन ही खो बैठा।
इसे खेलने में अलग ही था मज़ा,
अनेक दूसरे गेमो को इसने पछाड़ा।
खेलने वाले सिर्फ खेलते रह गए,
समय/कैरियर/मानसिक संतुलन खोते चले गए।
वो कहते हैं ना सब एक जैसे नहीं होते,
हर कोई अपना दिमाग अच्छाई में नहीं लगाते।
समजदार ने इसे अपना करियर बनाया,
Youtube/facebook पर अपना चैनल बनाया।
लाइव स्ट्रीमिंग ये लोग करते,
महीने के लाखो लाखो ऐठते।
फिर एक दिन मोदी सरकार की बारी आई।
तब इसने की अपनी सुनवाई।
Pubg पर लगा बैन,
भड़क उठे इससे इसके फेन।
फिर कुछ ही समय में मोदी जी का जन्मदिन आया,
बेरोजगारों ने इसे बेरोजगार दिवस मनाया।
शायद उचित ही था हर किसी के मोबाइल में pubg का होना,
क्योंकि बेरोजगारों ने तो इसे रोजगार ही अपना माना।
माना हर कोई खेलता है हर किसी गेम को,
पर तुम मत करते रह जाना pubg pubg
थोड़ा अपने कैरियर पर भी ध्यान दे लेना,
नहीं तो करते रह जाओगे लो.. सब्जी सब्जी।
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दोस्तों, आशा करता हूं कि आपको मेरे द्वारा लिखित कविता काफी अच्छी लगी होगी और आपको इसे पड़ते वक्त रोमांच भी प्राप्त हुआ होगा।
यदि आपने खुद इस गेम को खेला है, तो आपकी कई सारी यादें ताजी हो गई होगी।
इस कविता में लिखित शब्दों या अर्थो का उद्देश्य सिर्फ पाठक को खुश करना हैं।
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