पेड़ की आत्मकथा पर निबंध
हेलो दोस्तों आज हम लेकर आए हैं। Pedh ki atmakatha essay in Hindi (पेड़ की आत्मकथा पर निबंध) यह निबंध एक पेड़ की जीवनी को दर्शाता है।
यह tree ki atmakatha हमने class 1 class 2 class 3 class 4 class 5 class 6 class 7 class 8 class 9 class 10 व दूसरे सभी विद्यार्थियों के लिए लिखी हैं। हमने यहां एक बड़ी व छोटी आत्मकथा लिखी है। आप अपने होमवर्क के लिए अपने अनुसार किसी एक का चयन कर सकते हैं।
अथवा अपने अनुसार अपने शब्दों 200 words 300 words 400 words या 500 words में लिख सकते हैं।
Pedh ki atmakatha in Hindi (short essay) पेड़ की आत्मकथा छोटा निबंध
मैं एक पेड़ हूं। मुझे लोग वृक्ष के नाम से भी जानते हैं। मैं सभी प्रकार के जीव जंतुओं के लिए इंसानों के लिए और इस वातावरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हुँ।
मेरा जन्म एक बिज की सहायता से हुआ है। जो मेरे पूर्वजों के शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग था।
मैं धीरे-धीरे बड़ा हो रहा हूं। मेरे आस-पास कई अलग-अलग तरह के छोटे-बड़े साथी मौजूद हैं। मेरे शाखाए धीरे-धीरे अब बड़ा रूप लेती जा रही है।
मैं दिखने में हरा भरा व बहुत ही आकर्षण कारी हूं। मैं सभी जीव जंतुओं, पक्षियों व इंसानों का प्रिय हु। मेरे ऐसे कई काम हैं। जिनके कारण में हर तरह के जीव के लिए पसंदीदा हु।
में कड़ाके की गर्मी में लोगों को छांव प्रदान करता हूं। तपती धूप में हर तरह का जीव मुझे देखकर खुशी से झूम उठता है। और मेरे छांव में बैठकर आराम करता है।
जीवो की प्राण वायु को बनाने में भी मेरा ही योगदान है। यदि मैं ना रहूं तो इस धरती पर किसी भी प्रकार के प्राणी का अस्तित्व नहीं रहेगा। मैं वातावरण से अशुद्ध हवा कार्बन डाई ऑक्सीजन को ग्रहण करता हूं। और उसे शुद्ध हवा के रूप में तब्दील कर देता हूं जिसे तुम इंसान लोग ऑक्सीजन भी कहते हो।
पर्यावरण में हर प्रकार के मौसम के लिए मैं ही जिम्मेदार हूं। अत्यधिक वर्षा हो या सूखे की समस्या, बाढ़ नियंत्रण करना हो या मिट्टी को बांधकर रखना सभी कार्यों में मेरा महत्वपूर्ण योगदान है।
मैं अपनी जिंदगी में बहुत खुश हूं। पर मुझे बहुत दुख तब होता है। जब मेरा इतना महत्वपूर्ण योगदान होते हुए इंसान अपने प्रयोग के लिए मुझे काट देते हैं। मुझे बस इतनी सी आशा है कि मुझे इस तरह से नष्ट ना करें और मेरी सेवा के बदले में मुझे पर्यावरण में अपनी जिंदगी जीने दे।
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Pedh ki atmakatha in Hindi (long essay) पेड़ की आत्मकथा बड़ा निबंध
मेरे बारे में
मैं पेड़ हूं। देखने में हरा भरा, बड़ा सा गोल मटोल शरीर लिए हूं। मुझे इंसानों द्वारा वृक्ष भी कहा जाता है।
लोगों के लिए मुझे ट्री कहना भी सामान्य है।
मेरे जैसे दूसरे साथियों की तरह में भी बोल नहीं सकता हु। शायद मुझे भगवान ने बोलने की इजाजत नहीं दी हैं।
वहीं हिल डुल भी नहीं सकता हूं। एक जगह खड़े खड़े पैर रूपी मेरा तना दर्द के मारे कहराता रहता है। लेकिन मैं बस एक जगह खड़े खड़े अपने शाखाओ वह फूल पत्तियों को हिलाता रहता हूं।
मेरा जन्म
मेरा जन्म एक बीज के सहायता से हुआ है। जो कि मेरे पूर्वजों की देन है।
मेरा कोई घर बार या कोई मंजिल नहीं है। मैने शुरुआत में जहां जन्म ले लिया जिंदगी भर मुझे वहीं रहना पड़ता है।
मैं यह भी जानता हूं मेरी मृत्यु भी यहीं होने वाली चाहे वह प्राकृतिक रूप से हो या किसी और माध्यम से।
पर्यावरण में मेरा योगदान
मेरा इस सुंदर सी प्रकृति अथवा पर्यावरण का निर्माण करने में बहुत बड़ा योगदान है। अपने आसपास के पर्यावरण की सुंदरता के लिए मैं ही सबसे बड़ा रोल अदा करता हूं।
अपनी जड़ों की सहायता से मिट्टी को बांधकर रखता हूं। और बाढं को भी नियंत्रित करता हूं। वर्षा जो कि जीव जंतु, पशु पक्षी और सभी सजीव प्राणियों के लिए आवश्यक है इसमें भी मेरा योगदान है।
यदि मेरा कोई अस्तित्व नहीं रहे तो वर्षा का होना असंभव है।
पर्यावरण में गैसों का बैलेंस रखना भी मेरा ही काम है। जहरीली गैसों को ग्रहण करके उन्हें शुद्ध हवा में बदलता हूं। प्राणवायु को भी मैं और मेरे लाखों करोड़ों साथी मिलकर ही तैयार करते हैं।
मैं अपना भोजन खुद बनाता हूं। कभी किसी के ऊपर निर्भर नहीं रहता हूं। प्रकाश संश्लेषण की सहायता से अपना भोजन तैयार करता हूं और इसे दूसरों को प्रदान करता हूं।
सबसे महत्वपूर्ण योगदान मेरा जीवो को आश्रय देना भी है। फिर चाहे वह कोई भी हो। कोई पक्षी हो, इंसान हो या जीव-जंतु। सभी को मेरी छाया बहुत पसंद है। पक्षी तो अपने घर को अथवा घोसले को मेरे ही ऊपर बनाना पसंद करते हैं।
जीव जंतुओं, मनुष्य द्वारा उपयोग
मेरा कोई निश्चित अथवा एक उपयोग नहीं है। जिसे में सरलता से व अच्छे से समझा सकू।
खाने के लिए मेरे फलों का उपयोग उपयोग किया जाता है। जो कि बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं।
अत्यधिक गर्मी के समय हर कोई मेरी छांव ढूंढता है। और यहां आकर बैठना पसंद करता है।
पक्षियों के आशियाने के लिए में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता हूं।
मेरे पत्तों का भी कोई कम उपयोग नहीं है। इंसानों की फसलों की अच्छी पैदावार के लिए मेरे पत्तों के खाद का उपयोग करना आम बात है।
घर बनाने के लिए, खाना पकाने के लिए, फर्नीचर के लिए अथवा किन्हीं दूसरे कार्य जहां लकड़ी का उपयोग होता है मैं ही प्रदान करता हूं।
शादी मांगलिक कार्यों में सजावट के लिए अच्छे अच्छे व बहुत ही आकर्षकारी सुंदर फूल प्रदान करता हूं।
कागज का जन्म भी मेरी सहायता से ही हुआ है। यदि मैं ना रहूं तो किसी भी प्रकार की कोई कागज का नामोनिशान न रहेगा और पढ़ना लिखना तो दूर की बात सैकड़ो काम ऐसे के ऐसे ही अटक जाएंगे।
कई प्रकार के इलाज के लिए जड़ी बूटियों के निर्माण में मेरा योगदान है। मेरी फूल पत्ती फल या तने की सहायता से कई प्रकार की जड़ी बूटी तैयार की जाती है।
मेरी समस्या
जब मेरा इस पर्यावरण के लिए यहां रहने वाले सभी सजिव प्राणियों के लिए इतना महत्वपूर्ण योगदान है तो मुझे बहुत गर्व है।
ऐसे और कई कार्य सहायता है जो मैं दूसरों को प्रदान करता हूं और अपने आप को गोरवनित महसूस करता हूं।
इन सब चीजों के होते हुए भी मेरे भी जिंदगी में कई समस्याएं हैं। जिनमें से महत्वपूर्ण है मेरी अंधाधुन कटाई।
मेरे जैसे हजारों साथियों की प्रतिदिन काटकर हत्या कर दी जाती है। अथवा उन्हें समाप्त कर दिया जाता है।
अपनी जरूरत की जगह के लिए हमें जिंदा जला दिया जाता है। कभी-कभी मुझे बड़ा दुख होता है कि आखिर क्यों इंसान अपने स्वार्थ के लिए मेरी महत्वपूर्णता को भुलाता जा रहा है।
मेरी एक विनती
मेरी इस स्वार्थी इंसान से बस एक ही विनती है कि हमारी, मेरी उपयोगिता को समझे। और हमारा खूब उपयोग करें लेकिन ऐसे हमें काटे नहीं।
चाहे किसी भी तरह लेकिन हमारा संरक्षण करें और दूसरे को भी प्रेरित करें।
नए-नए मेरे जैसे दूसरे पेड़ उगाए और उन्हें बड़ा करें तथा उनकी रक्षा करें बाकी किसी की भी सहायता करने में मैं और मेरे साथी कभी पीछे नहीं हटेंगे।
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