Kchre ka dushprabhav or eska smadhan

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कचरे का दुष्प्रभाव और इसका प्रबंधन

कचरा मतलब क्या किसी भी वस्तु या सामग्री का बच्चा हुआ वह भाग जिसे हम उपयोग में नहीं ला सकते, वह कचरा है।  वैसे हमें कई प्रकार के कचरे के दुष्प्रभाव  देखने को मिलते हैं। अनेक प्रकार से यह हमारे लिए भी हानिकारक है। और इससे पर्यावरण को भी काफी नुकसान हैं।

सुखा कचरा 

आमतौर पर कचरे को अलग-अलग तरह से कई कई भागों में बांटा जा सकता है यदि हम इसे सूखे ओर गिले कचरे के  आधार पर वर्गीकृत करें, तो सूखा कचरा वह जो  पूरी तरह सूखा हो या जिसमें कीड़े मकोड़े या सडा गीला कचरा न हो।जैसे खेत से फसल को प्राप्त करने के बाद निकलता है। या पेड़ पौधों की नीचे गिरने वाली पत्तियां और ऐसा ही अनेक प्रकार का दूसरा कचरा जो कि सूखा हो। जिससे कि इतनी गन्दगी न फेलती हो।

गिला कचरा

गीला कचरा वह जो फैक्ट्रियों से रसायन के साथ बाहर निकाला जाता है। जिसमें की अनेक प्रकार के रसायन मिले होते हैं। या वह कचरा जिसमें बैक्टीरिया व कई प्रकार के कीड़े मकोड़े पैदा होते हो जैसे घरेलू कामों में आने वाले सब्जियों के छिलके या घर से निकाला गया वह अपशिष्ट जो कि एक तरह से बहुत गंदगी फेलाता हैं। 
प्रदुषित होता एक जल स्त्रोत 


कचरे के दुष्प्रभाव की बात कि जाए तो हमें इससे कंही न कंही  काफी नुकसान है। सूखे कचरे को लोगों द्वारा सीधे जला दिया जाता है। जिससे कि इससे निकलने वाला धुुआं हमारे पर्यावरण को प्रदूषित करता है। इससे हवा अशुद्ध होती हैं। और जब हम इस हवा में सांस लेते हैं, तो हमें कई प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। जैसे निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, खराब होते फेफ़डे और फेफड़ों का कैंसर।
अगर गीले कचरे  की बात की जाए तो इससे भी हमें काफी नुकसान है। और इससे पर्यावरण में गंदगी भी देखने को मिलती है। जब गीले कचरे को इधर-उधर फेंक दिया जाता है। तो इससे उस जगह के आसपास के वातावरण में गंदगी फैलने लगती है। कई प्रकार के कीड़े मकोड़े वह बैक्टीरिया वहां पनपते लगते हैं। और इससे उस स्थान के आसपास रहने वाले लोगों को कई प्रकार की बीमारिया  होने लगती है। कई बार सब्जियों के छिलके या वेसी चीजें फेक दी जाती है, जिसे पशु खा सकते हैं। और आवारा पशु इन्हें खा भी जाते हैं। जिससे कि इन्हें काफी नुकसान पहुंचता है।
फैक्ट्रियों से निकलने वाला गीला कचरा अक्सर नदी- नालों या फैक्ट्री के आसपास उपस्थित किसी तालाब में छोड़ दिया जाता है। जिससे कि वहां उपस्थित जल स्त्रोत प्रदूषित होने लगता है। इससे भी काफी खतरा है। यही कारण है, कि गंदा पानी पीने से लोग अनेक बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। प्रदूषित पानी के उपयोग से होने वाली कुछ बीमारियां जैसे टाइफाइड इसके अलावा फ्लू, पीलिया या कॉलरा जैसी खतरनाक बीमारियां है।

कचरे का प्रबंधन 

                                कचरे का एक ढेर 

कचरे का प्रबंधन 


अगर कचरे का निपटारा कैसे किया जाए इस पर बात करें तो ऐसे कई उपाय हैं। जिनसे हम इसका निपटारा कर सकते हैं। जिससे कि हमें नुकसान भी ना हो और पर्यावरण को भी कोई क्षति न पहुंचे। 
सूखे कचरे का निपटान हम वर्मी कंपोस्ट के द्वारा कर सकते हैं। इसमें उस कचरे को भी शामिल किया जा सकता है, जो कि आसानी से सड़ जाए अथवा जिसमें कोई रसायन भी ना मिला हो। 
इस प्रकार अनेक प्रकार की समस्या हल हो सकती हैं। जैसे इसमें हमें कचरे को जलाना नहीं पड़ेगा। और पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होगा। वर्मी कंपोस्ट का उपयोग हम ऑर्गेनिक खाद के रूप में अपने खेतों में कर सकते हैं। और इससे काफी फायदा भी पहुंचता है। कई जगह यह तरीका अपनाया भी जा रहा है। इसे हम खुद मतलब अकेले भी कर सकते हैं।
यदि बात की जाए ऐसे कचरे की जो कि सूखा तो है। परंतु सड नहीं सकता है जैसे कि प्लास्टिक मेडिकल इक्विपमेंट में आने वाली कई प्रकार की गोलियों दवाइयों के प्लास्टिक या किसी भी प्रकार का कोई कांच।
इनका समाधान हम रिसाइकलिंग प्रक्रिया के द्वारा कर सकते हैं। जैसे कि एक बार उपयोग में लेने के बाद इन वस्तुओं को इधर-उधर ना फेंकते हुए किसी फैक्ट्री में भेज दिया जाए जाए।  जहां इन्हे रीसायकल द्वारा फिर से किसी अन्य वस्तु में बदल दिया जाए। यह प्रणाली काफी कामगार भी साबित होती जा रही हैं।
जो कचरा किसी भी प्रकार से उपयोग में नहीं लाया जा सकता है। और किसी भी प्रकार से सड़ भी नहीं सकता है। तो उसे ऐसे स्थान पर फेका जाना चाहिए। जहां आसपास कोई बस्ती ना रहती हो अथवा किसी भी प्रकार का कोई जल स्त्रोत भी ना हो।
इससे पानी अशुद्ध भी नहीं होगा और हमारा काम भी हो जाएगा।

योजनाये

वर्तमान  में सरकार द्वारा कई प्रकार की योजनाएं भी चलाई जा रही है, जिससे कि लोगों में जागरूकता बड़े। लोग सतर्क रहें। उन्हें मालूम हो कि इस कचरे से फैलने वाली गंदगी से हमें कितना नुकसान भविष्य में होने वाला है।
प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी द्वारा स्वच्छ भारत अभियान भी चलाया जा रहा है। जिससे कि सभी सतर्क रहें, कोई व्यक्ति अपने आस पास गंदगी न फैलने दे। कई जगह पर अनेक सफाई कर्मचारी लगाए गए। परंतु इन सब प्रयासों के बावजूद अभी भी काफी लोग जागरुक नहीं है। कचरे को कहीं भी फेंक दिया जाता है। और किसी का भी इसकी तरफ ध्यान नहीं जाता है। और कोई ध्यान देना भी नहीं चाहता है।
इसे रोकने के लिए हमें ही एकजुट होना होगा। जागरूक होना पड़ेगा। और अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ बनाना पड़ेगा।  
 स्वच्छ वातावरण रहेगा तो हम स्वच्छ रहेंगे। और इससे देश स्वच्छ बनेगा। 
                           
                                    🙏🙏🙏
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