14 सितंबर – भारतीय हिंदी दिवस
10 जनवरी – विश्व हिंदी दिवस
क्या आप जानते हैं, कि हमारे देश में प्रतिवर्ष हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है। यहां तक की विश्व स्तर पर विश्व हिंदी दिवस भी मनाया जाता है। आखिर यह क्यों मनाया जाता है। और कब मनाया जाता है। इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य क्या हो सकता हैं। यही सब जानेंगे आज हम अपने इस आर्टिकल में।
कब मनाया जाता है ?
हमारे देश में प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है और विश्व स्तर पर 10 जनवरी को इस दिन को आयोजित किया जाता है। विश्व स्तर पर इसे सन् 1975 से आरंभ किया गया था। इस दिन को प्रत्येक विद्यालय, कॉलेज और कई बड़ी-बड़ी संस्थाओं द्वारा बड़े उत्साह पूर्वक मनाया जाता है।
हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए हमारे देश के राष्ट्रपिता ने सन् 1918 में ही आवाज उठा दी थी। उन्होंने कई प्रकार से लोगों को जागरूक भी करने का प्रयत्न किया। परंतु उस समय उनके ऊपर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
क्यों मनाया जाता है?
14 सितंबर को ही इसे मनाने का मुख्य कारण है, कि इसी दिन यानी कि 14 सितंबर 1950 को भारतीय संविधान ने हिंदी को राजभाषा घोषित किया था। यह हम भारतीयों के लिए बड़ी गर्व की बात थी। हालांकि भारतीय संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई इस हिंदी भाषा को 26 जनवरी 1950 को अधिकारिक रूप से उपयोग करने के लिए स्वीकृति प्रदान की थी।
शुरुआत में जब हिंदी को राजभाषा के रूप में अपनाया गया तब यह स्पष्ट किया गया था, कि कुछ वर्षों पश्चात सरकारी कार्यालयों और बड़ी-बड़ी संस्थाओं तथा विभागों में हिंदी को ही अपनाया जाएगा। क्योंकि इस समय बहुत लोगों के पास हिंदी का ज्ञान नहीं था। और कुछ वर्षों पश्चात तो लोग इसे समझने लगेंगे। परंतु समय के साथ इसे भुला दिया गया और आज (वर्तमान समय में)अंग्रेजी हिंदी के ऊपर भारी पड़ने लगी है।
एक मुख्य कारण यह भी रहा कि हिंदी को पूरी तरह अपनाया इसलिए नहीं गया क्योंकि जब आजादी के पश्चात हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया। तब दक्षिण राज्यों के लोगों ने इसके खिलाफ आवाज उठा दी। क्योंकि वह अंग्रेजी को ही महत्व देते थे। और हिंदी भाषा को नहीं जानते थे। इसी कारण संविधान सभा ने विचार विमर्श करते हुए हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी को भी राज्य भाषा का दर्जा प्रदान किया।
राजभाषा घोषित करने के बाद बड़े-बड़े लोगों द्वारा इसके प्रचार-प्रसार की मांग की गई। और इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सन् 1953 से हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए एक हिंदी दिवस मनाने की स्वीकृति प्रदान की। और तब से लेकर आज तक हम प्रतिवर्ष 14 सितंबर को इस दिवस को मनाते आ रहे हैं।
किस तरह मनाया जाता है?
इस दिन को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग प्रकार से हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। मुख्य रूप से इस दिवस का आयोजन विद्यालयों और कॉलेजों में किया जाता है।
लगभग एक सप्ताह पहले से ही हिंदी सप्ताह यानी कि हिंदी पखवाड़ा मनाना शुरू कर दिया जाता है। इसके अंतर्गत पूरे सप्ताह में हर दिन अलग-अलग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। प्रतियोगिताओं में कविता वाचन, कहानी लेखन, भाषण, हिंदी के उपलक्ष में अपने विचार, हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा जैसे विषयों पर निबंध लेखन और कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन हर जगह हिंदी कोई प्राथमिकता दी जाती है। विद्यालय में हर प्रकार के कार्य करने के लिए हिंदी का ही उपयोग किया जाता है।
ग्रामीण लोगों को जागरूक करने के लिए, हिंदी के महत्व को बताने के लिए और इसका हमारा प्राचीन काल के संबंध को बताने हेतु कई जागरूक व्यक्ति आगे आते हैं। और महत्वपूर्ण भाषण देते हैं।
महत्वपूर्ण
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि भारत की राजभाषा देवनागरी लिपि की हिंदी भाषा है”
इस दिवस को मनाना सरकार के लिए एक सराहनीय कार्य है। इससे जनता भी जागरूक होती है। और इससे नये युवा जिनको हिंदी के महत्व के बारे में जानकारी नहीं है। वे भी शायद इसे समझने लगेंगे।
अपने विचार
ऐसे कई प्रकार के दिवस होते है। जिन्हे लोगों में जारूकता फैलाने के लिए आयोजित किया जाता है। परन्तु तब तक कुछ नहीं होगा जब तक हम स्वयं जागरूक नहीं होंगे। हमें खुद आगे आना पड़ेगा। जिससे कि हमारी मातृभाषा कि आन बान शान बची रहे।
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