आज हम टीवी सीरियल के प्रभाव पर निबंध (essay on effect of TV serials in Hindi) पढेंगे।
यह निबंध आपको टेलीविजन पर प्रतिदिन चलने वाले नाटकों के प्रभाव के बारे में बताएगा।
Effect of TV serials essay in Hindi। टीवी कार्यक्रम का प्रभाव निबंध
प्रस्तावना
हर कोई टेलीविजन पर अपना समय बिता कर मनोरंजन तो अवश्य करता है। हम सभी को टेलीविजन देखना बहुत पसंद होता है।
कोई फिल्म देखकर अपना मनोरंजन करता है तो कोई गाने सुनता है। कोई न्यूज़ देखता है किसी को प्रतिदिन चलने वाले सीरियल देखना बहुत पसंद होता है।
टीवी पर प्रतिदिन सैकड़ों चैनल पर हजारों सीरियल चलते हैं। जिन्हें कोई बहुत पसंद करता है तो कोई इन्हे देखना अपनी जिंदगी अहम हिस्सा मान लेता है।
टीवी सीरियल क्या है।
कलाकारों द्वारा ऐसा नाटक तैयार किया जाता है जो सीधे एक जिंदगी से रिलेटेड होता है। जिनमें हमें सास बहू के किस्से भाई बहन का प्यार पति पत्नी के रिलेशन से संबंधित कहानियां देखने को मिलती हैं।
फिल्मों की तरह टीवी सीरियल एक 2 घंटे का नहीं होता है। इसके प्रतिदिन एक निश्चित समय पर एपिसोड चलते हैं । जिनकी अपनी एक लंबी कहानी होती है।
टीवी सीरियल का प्रतिदिन एक निश्चित समय पर निश्चित समय के लिए एपिसोड चलता है। जिनमें अगले दिन आगे की कहानी की शुरुआत होती है। और यह सालों साल तक चलते हैं।
सामान्यतः टीवी सीरियल देखने का शोक घर की महिलाओं को बहुत होता है और उन्हें यह बहुत पसंद आते हैं।
टीवी सीरियल का प्रभाव
किसी भी टीवी सीरियल की अपनी एक कहानी होती है। देखने वालों का इनके प्रत्येक लगाव खींचाव अपनापन सा महसूस होने लगता है।
टीवी सीरियल देख कर महिलाओं के अंदर एक नई ऊर्जा का उत्पादन होता है। वह सोचती है काश हमारी जिंदगी में भी ऐसा हो।
इन सीरियल से महिलाओं पर सकारात्मक व नकारात्मक दोनों प्रकार का प्रभाव पड़ता है। जैसे कोई भी सीरियल चलता है तो उसमें दोनों प्रकार की घटनाएं होती है।
किसी समय हमें कोई अच्छी सीख मिलती है। उनमें हमें अपनों के साथ किस तरह बर्ताव करना चाहिए। किस परिस्थिति को कैसे संभालना है। तो कभी हमें लड़ाई झगड़े, अपने इल्ज़ाम किस तरह दूसरों पर डालना किस तरह अपनों को धोखा देना जैसे नकारात्मक प्रेरणा भी मिलती है।
कई बार हमें अखबारों या न्यूज़ चैनल पर ऐसी खबरें या घटनाए देखने को मिलती है जिनका संबंध सीधा सा किसी सीरियल से होता है। या जिसको अंजाम देने का तरीका किसी फिल्मी या सीरियल अंदाज में होता है।
कभी-कभी इनमें कुछ अच्छी बातें भी सीखने को मिलती है। कुछ ऐसी कहानियां देखने को मिलती है जिनसे हमें मोटिवेशन मिलता है। उदाहरण के लिए टीवी सीरियल दिया और बाती हम का अगर ले तो आखिर किस तरह किन परिस्थितियों वह मुश्किलों का सामना करते हुए एक महिला आईपीएस ऑफिसर बनी थी।
उपसंहार
कोई भी टीवी सीरियल हमें दोनों पहलू की कहानियां दिखाता है यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम उससे क्या सीखते हैं।
किसी महिला का कोई सीरियल के प्रति इतना लगाव हो जाता है चाहे कोई भी कार्य क्यों ना हो एक दिन के एपिसोड को देखना भी नहीं भुलती हैं।
हमें टीवी सीरियल देखने चाहिए लेकिन सिर्फ मनोरंजन के तौर पर। इन्हें किसी भी तरह अपनी जिंदगी से नहीं जोड़ना चाहिए।
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