दोस्तों आज हम लिखेंगे ek phool ki atmakatha essay in Hindi। एक फूल की आत्मकथा पर निबंध। इस आत्मकथा में हमने एक फूल की जीवन गाथा बताने का प्रयास किया है।
फूल की आत्मकथा हमने 2 तरह से एक छोटी और बड़ी दोनों लिखी है आप अपने गृह कार्य होमवर्क के लिए दोनों को पढ़कर किसी एक का चयन कर सकते हैं।
फूल की आत्मकथा हमने class 1 class 2 class 3 class 4 class 5 class 6 class 7 class 8 class 9 class 10 व दूसरे सभी विद्यार्थियों के लिए लिखी है।
phool ki atmakatha in Hindi (short essay) फूल की आत्मकथा
मैं फुल हूं। मुझे अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नाम से जाना जाता है। मुझे अलग-अलग प्रजातियों में अलग अलग नाम से जाना व पहचाना जाता है। मुझे सिर्फ इस वातावरण की, प्रकृति की अथवा हर किसी कि सुंदरता बढ़ाने के लिए ही बनाया गया है।
मैं पेड़ पर लगता हूं। और एक पेड़ झाड़ की सुंदरता को बढ़ाता हु। मैं मुख्यत फल के उत्पादन के लिए जिम्मेदार हूं। यदि किसी पेड़ पर मेरा जन्म ना हो तो वहां फल का आना भी असंभव है।
मैं पहले एक बंद कली के रूप में झाड़ की टहनियों से निकलता हूं। फिर धीरे-धीरे अपनी कली को बड़ा करता हूं। मैं सूर्य की किरणों की उपस्थिति में ही खिलता हूं। ताजा-ताजा खिलते देख मेरी और हर कोई मोहित हो जाता है। खिलते ही वातावरण में मैं अपनी छटाए बिखरने लगता हूं।
मेरे खिलते ही वातावरण में एक अलग ही सुगंध की लहर दौड़ जाती हैं। छोटी-छोटी तितलियां मेरे ऊपर मंडराने लगती है। मधुमक्खियों को मेरे शहद बहुत पसंद होता है। मेरी पंखुड़ियों के खिलते ही मधुमक्खियां दौड़ी चली आती है।
बच्चों को मैं बहुत पसंद आता हूं। हर कोई मुझे तोड़ कर ले जाता हैं। मैं अपनी जिंदगी में हर समय खुश रहता हूं लेकिन बस मुझे दुख इस बात का होता है कि मुझे हर कभी हर किसी के द्वारा अपनी डाली से अलग कर दिया जाता है और फिर इधर-उधर फेंक दिया जाता है।
मैं हर जगह हर किसी के काम आता हूं। किसी की शादी, पार्टी में कोई मांगलिक कार्यक्रम हो या सजावट करना हर जगह मेरा उपयोग है।
मेरी सहायता से वीरान पड़ी किसी जगह को भी जगमगा दिया जा सकता हूं। किसी बच्चे के जन्म से लेकर किसी की मृत्यु होने पर भी अंतिम यात्रा में मेरा सहायता से उसे विदा किया जाता है।
मेरा पूरा जीवनकाल यही कुछ चार-पांच दिनों का होता है। इस बीच या तो मुझे किसी के द्वारा उपयोग कर लिया जाता है या मैं खुद पेड़ पर सुखकर गिर जाता हूं और एक फल को जन्म दे देता हूं। यह 4 दिन की जिंदगी भी मुझे बहुत प्रिय है और मैं इसे खुलकर जीता हूं।
phool ki atmakatha in Hindi (long essay) फूल की आत्मकथा
मेरे बारे में
मैं फूल हूं। जिसे तुम पुष्प या फ्लावर भी कहते हो।
मैं किसी भी पेड़ का वह मुख्य भाग हूं जो उसकी सुंदरता बढ़ाता है। जिसकी सहायता से एक फूल का निर्माण होता है। और एक नए पेड़ बनने की प्रक्रिया प्रारंभ होती है।
मैं कई तरह के हजारों कलर का हु। मेरी कई प्रकार के अलग-अलग रूप उपस्थित हैं। इस प्रकृति की सुंदरता को बढ़ाने व इसको अलग अलग तरह का कलर प्रदान करने में मैं कई तरह से जिम्मेदार हूं।
मेरा जन्म
मेरा जन्म पेड़ की टहनी पर एक कली के माध्यम से हुआ है। पहले पेड़ की डाली ने एक कली को जन्म दिया और फिर उस कली से खिलकर मेरा निर्माण किया है।
सूर्य के प्रकाश में ही मुझे खिलता हुआ देखा जा सकता है। मैं अपने अंदर मादा व नर दोनों के प्रजनन अंग को समाए हुये हु।
पेड़ पर मेरी जिंदगी
खेलने के पश्चात मुझे अपनी जिंदगी सो तरीकों से गुजारनी पड़ती है। या तो मुझे किसी के द्वारा तोड़ लिया जाता है और उसके द्वारा कहीं उपयोग कर लिया जाता है। या मैं अपने पेड़ पर ही अपना जीवन व्यतीत करता हूं।
सूर्य के प्रकाश में खेलने के पश्चात मेरी पंखुड़ियां बिल्कुल गोल मटोल सी खुल जाती है।
खिलते ही वातावरण में मे अपनी सुगंध बिखरना प्रारंभ कर देता हूं। छोटी-छोटी तितलियां मेरे ऊपर मंडराने लगती है। मेरी पंखुड़ियों पर बैठकर मेरा जायजा लेती है।
मेरी अलग-अलग तरह के कलर वह सुगंध के कारण हर कोई मेरी ओर आकर्षित हो जाता है। सैकड़ों तरह के कीड़े मधुमक्खियों को मैं मेरी ऊपर मंडराते हुए देख बहुत खुश हो जाती हूं।
धीरे-धीरे मेरी सुंदरता कम होती जाती है। मेरा जीवनकाल सिर्फ 4 या 5 दिन का होता है। धीरे-धीरे में मुरझाने लगता हूं और मेरी पंखुड़ियां भी सूखने लगती है। दूर से देखने पर मैं पुराना सा दिखता हूं और अब कोई भी जीव मेरी और आकषित नहीं होता है।
अब मेरे पंखुड़िया नीचे गिरने लगती है और मेरे अंदर एक फल का निर्माण होना प्रारंभ हो जाता है। और इस तरह मेरा जीवनकाल पूरा हो जाता है।
पेड़ से अलग मेरी जिंदगी
सामान्य मुझे पेड़ से ज्यादा अपना जीवनकाल कहीं और गुजारना पड़ता है। यू तो मेरी सुंदरता 3 दिन तक ही रहती है लेकिन इस बीच भी मुझे चैन से नहीं रहने दिया जाता है। ऐसे कई तरह के सांस्कृतिक या दूसरे तरह के कार्यक्रम होते हैं। जहां अलग-अलग उद्देश्य से मेरा उपयोग कर लिया जाता है। और फिर फेंक दिया जाता है।
मेरा उपयोग
- सजावट
सबसे महत्वपूर्ण उपयोग मेरा कहीं सजावट करने या सुंदरता बढ़ाने के लिए किया जाता है। मेरी सहायता से किसी घर मकान कमरा या किसी निश्चित पूरे स्थान को सजाया जा सकता है। और आमतौर पर मेरा उपयोग इसी लिए किया जाता है।
- स्वागत सत्कार में
किसी व्यक्ति के स्वागत के लिए और उसके सम्मान के लिए भी मेरा उपयोग किया जाता है। मेरे जैसे अनेक फूल की सहायता से माला तैयार की जाती है। और फिर अतिथि को पहनाई जाती है।
मेरी सुंदरता देख अतिथि भी खुश हो उठता है। बच्चे के जन्म के समय पर या किसी नए सदस्य के आगमन पर भी मेरा उपयोग किया जाता है।
- सांस्कृतिक कार्यक्रमों में
आजकल प्रतिदिन कहीं ना कहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहते हैं जहां सजावट के लिए मेरा उपयोग किया जाता है।
- शादियों में
किसी की शादी में मेरी भी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।
मेरी सहायता से ही मंडप सजाया जाता है। दुल्हन की सुंदरता बढ़ाई जाती है। और शादी में वरमाला के दौरान भी मेरी वह मेरे साथियों की बनी माला का ही प्रयोग होता है।
मेरी सहायता
इतनी छोटे से जीवनकाल में भी मुझे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कभी मेरे खिलते ही मुझे नन्हे बच्चे तोड़ कर ले जाते हैं। कहीं इधर-उधर फेंक देते हैं अथवा कभी-कभी मुझे दूसरे जानवरों द्वारा खाने का प्रयास किया जाता है। इसलिए मेरी सहायता के लिए भी पेड़ ने मेरा साथी बनाया है।
कांटा मेरा मुख्य सहायक है यह मुझे नन्हे बच्चों से बचाता है। मुझे खाने वाले जानवर को मुझसे दूर रखता है। कई बार मुझे तोड़ने वालों को यह सबक भी सिखाता है।
मेरे साथी कांटे की सहायता से मैं कई प्रकार के प्राणियों से बच जाती हूं। लेकिन मेरा इस पापी इंसान से बचना मुश्किल है। यह मेरे साथी को चकमा देकर मुझे लेकर चला जाता है।
मेरा अंत
और इस तरह मेरा अंत या दो-तीन दिन पश्चात पेड़ पर खुद ब खुद हो जाता है या किसी भी कार्यक्रम में मेरा उपयोग करने के पश्चात मुझे इधर-उधर फेंक दिया जाता है।
यह भी एक फूल की आत्मकथा (फूल की आत्मकथा इन हिंदी) साथियों यदि आपको यह पसंद आई हो तो अपने साथियों के साथ इसे अवश्य साझा करें।
___________________
आशा करते हैं आपका महत्त्वपूर्ण कार्य इस आत्मकथा की सहायता से संपूर्ण हुआ होगा और यदि आपके साथियों को इसकी आवश्यकता है तो उनके साथ इस फूल की आत्मकथा को अवश्य साझा करें।
और हिंदी अंश को विजिट करते रहें।