आज हम लिखने वाले हैं भारत के सबसे बड़े त्यौहार essay on diwali in Hindi। यह दिवाली पर निबंध हमने class 1 class 2 class 3 class 4 class 5 class 6 class 7 class 8 class 10th व दूसरे सभी विद्यार्थियों के लिए लिखा है।
यहां हमने दिवाली पर छोटा व बड़ा दो निबंध लिखे हैं, आप किसी का भी उपयोग कर सकते हैं या इस पूरे निबंध को पढ़कर आप अपने अनुसार भी इस निबंध को 200 words 250 words 400 words 500 words 600 words 1000 words में लिख सकते हैं।
Essay on diwali in Hindi |
short Essay on diwali in Hindi। दीपावली पर छोटा निबंध।
अलग-अलग तरह के त्योहारों को मनाने वाला भारत विश्व भर में अपनी संस्कृति के लिए प्रचलित हैं। पूरे भारतवर्ष में दीपावली का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। दीवाली मेरा प्रिय त्यौहार भी है।
दीपावली हिंदी महीनों के अनुसार प्रतिवर्ष कार्तिक माह की अमावस को मनाई जाती है। असल में यह पूरा 5 दिन का त्यौहार होता है। जिसे बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
यह त्योहार भगवान राम द्वारा वनवास संपूर्ण करने के पश्चात उनके लौटने की खुशी में मनाया जाता है। घर-घर दीपक जलाए जाते हैं। घरो को सजाया जाता है। बच्चे बूढ़े नए कपड़े पहनते हैं। और एक-दूसरे को बधाइयां देते हैं।
बच्चे पटाखे जलाते हैं। फुलजड़ियाॅ चलाते हैं मिठाई खाते हैं और अपनों से बड़ों का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
अमावस्या के दिन घर घर लक्ष्मी पूजन की जाती है और अच्छे धन लक्ष्मी की कामना की जाती है। अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है तथा घर-घर उपस्थित पालतू जानवर गौमाता की पूजन की जाती है। और इस दिन का ख़ूब लुप्त उठाया जाता हैं।
Easy Essay on diwali in Hindi। दीपावली पर निबंध
प्रस्तावना
भारत में मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक दीपावली का त्योहार सबसे बड़ा व प्रमुख है। पूरे भारतवर्ष में इस त्योहार की अलग ही खासियत है। यह त्योहार पूरे हिंदुस्तान में मनाने के तरीके इसकी तैयारियों व प्रचलता का अलग ही महत्व रखता है। लेकिन इसके आने से 1 महीने पहले से ही शौर शराबा शुरू हो जाता है।
दिवाली पर निबंध |
कब मनाया जाता है।
दिवाली हर वर्ष मनाया जाने वाला विशेष त्योहार है। यह प्रतिवर्ष हिंदी कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और अंग्रेजी महीनों के अनुसार अक्टूबर-नवंबर के दौरान आता है।
दीपावली मुख्यत: 5 दिनों का त्यौहार है जिसके अंतर्गत धनतेरस, रूपचौदस, अमावस्या को लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा व भाई दूज शामिल है। इन प्रमुख दिनों में हर दिन की अपनी एक अलग महत्वता है।
क्यों मनाया जाता है।
इस त्योहार को मनाने की बहुत बड़ी कथा प्रचलित है। माना जाता है जब भगवान राम अपना 14 वर्ष का वनवास संपूर्ण करके वापस लौटे थे तब समस्त साम्राज्य वासियों ने उनके स्वागत के लिए घर-घर दीप जलाए थे। बड़ी धूम-धाम से उनका स्वागत किया गया था और खूब आतिशबाजी की गई थी।
भगवान राम कार्तिक माह की अमावस्या को अपने नगरी में वापस लौटे थे तब से लेकर आज तक इस शुभ अवसर को बड़ी धूम-धाम से याद किया जाता है। दिवाली मनाने के दुसरे कारण भी कई मौजूद हैं
दिवाली की तैयारी
हर किसी के लिए यह त्यौहार इतना महत्वपूर्ण है कि इसकी तैयारियां भी अलग ही जोश होश के साथ की जाती हैं। लगभग 15 से 20 दिन पूर्व ही साफ सफाई करना प्रारंभ कर दिया जाता है।
घरों की साफ-सफाई दीवारों की रंगाई पुताई, नई चीजों का आगमन व इस त्योहार के आने तक लगभग सभी प्रकार की तैयारियां कर ली जाती है। और हर जगह को साफ़ सुथरा व स्वच्छ किया जाता है
गांव-गली हर घर सुंदरता से जगमगा उठता है। गांव में लोग फूलों मालाओं की सहायता से अपने घरो को सजाते हैं। जबकि शहरों में रंग बिरंगी बल्ब लटकाए जाते हैं। दिवाली के समय पूरा देश रोशनी से जगमगा उठता है।
5 दिन का त्यौहार
दिवाली 5 दिनों का विशेष त्यौहार है। लंबे समय से इंतजार और तैयारियां करने के पश्चात यह कार्तिक माह की धनतेरस से शुरुआत होता है।
इसी दिन से घर घर दीपक जलाना प्रारंभ कर दिया जाता है। छोटे नन्हे बच्चे पटाखों का लुफ्त उठाने लगते हैं। और मिठाइयों का बनना प्रारंभ होने लगता है।
माना जाता है इस दिन लक्ष्मी अथवा अपने घर के धन को बाहर नहीं निकालना चाहिए। इस दिन कोई भी व्यक्ति किसी के साथ पैसो से संबंधित लेन-देन नहीं करता है।
इसके पश्चात अगले दिन को रूपचौदस के रूप में मनाया जाता है। घर-घर इस दिन भी दीपक जलाए जाते हैं। प्रत्येक घरों में मिठाइयां बनाई जाती है। रूप चौदस को नरक चतुर्दशी अथवा काली चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है।
अगले दिन अमावस्या को दीवाली के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सभी नए नए कपड़े पहनते हैं। एक दूसरे को बधाइयां देते हैं। और सभी मिलकर मिठाइयों का लुफ्त उठाते हैं। इस दिन महा धनलक्ष्मी की पूजा की जाती है। और जीवन में अच्छे धन की कामना की जाती है।
लक्ष्मी पूजन के बाद एकम को गोवर्धन पूजा की जाती है। घर में उपस्थित पशु की पूजा की जाती है और एक दूसरे को खाने पर बुलाया जाता है। और बड़ों का आशीर्वाद लिया जाता है।
इसके पश्चात भाई दूज का आयोजन होता है। और 5 दिन का दीपावली का त्यौहार संपूर्ण होता है। हालांकि दीपावली के त्यौहार में भाई दूज को शामिल नहीं किया जाता है।
- Essay on diwali in Hindi with points
दिवाली पर ध्यान रखने योग्य बातें
हमें अधिक से अधिक पटाखे नहीं जलाना चाहिए। इससे हमारे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है। पटाखे जलाने से वायु प्रदूषण के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण भी बहुत होता है।
हमें फालतू के खर्चों से बचना चाहिए। पटाखे जलाने के चक्कर में पैसों की बर्बादी करना मूर्खतापूर्ण कार्य है।
दुर से पटाखे जलाना चाहिए और इनसे होने वाले नुकसान से बचना चाहिए। क्योंकि पटाखे कई तरह से हमें हानि पहुंचा सकते हैं।
उपसंहार
हमें अपने काम धंधे से मुक्त होकर इस त्यौहार को खूब धूमधाम से मनाना चाहिए और भारतीय संस्कृति में इसकी महत्वता को समझना चाहिए।
इस त्योहार पर हमें एक दूसरे की मदद करनी चाहिए और गरीब लोगों के लिए भी इस त्यौहार को खुशी से मनाने के अवसर पैदा करना चाहिए।
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आशा करते हैं आपका महत्त्वपूर्ण कार्य इन इस निबंध की सहायता से संपूर्ण हुआ होगा और यदि आपको लगता है कि आपके साथियों को इसकी आवश्यकता है तो उनके साथ इस essay on diwali in Hindi को अवश्य साझा करें।
और हिंदी अंश को विजिट करते रहें।
FAQ (frequently asked questions) related to essay on diwali in hindi
1. दीवाली कब मनाते हैं?
दीवाली का त्यौहार कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है।
2. दीवाली क्यों मनाते हैं?
इस दिन भगवान राम के वनवास से लोटने की ख़ुशी में मनाते हैं।
3. दीवाली को और किस नाम से कह सकते हैं?
दीवाली को हम दीपों का त्यौहार भी कह सकते हैं।
4. वर्ष 2021 में दीवाली कब है?
वर्ष 2021 में दीवाली 4 नवम्बर को है।
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