आत्मनिर्भर भारत स्वतंत्र भारत
आत्म निर्भर मतलब क्या? आत्म निर्भर का सीधा सा मतलब खुद के ऊपर निर्भर होना।
क्या हम पूरी तरह आत्मनिर्भर है? नहीं, चाहे कोई अकेला व्यक्ति हो, कोई समुदाय हो या बड़े स्तर पर कोई राज्य हो या कहे तो राष्ट्रीय स्तर पर देश ही क्यों न हो सब अपनी आवश्यकतानुसार पूर्ति के लिए दूसरे पर निर्भर है।
क्या हमारा देश वर्तमान में आत्मनिर्भर है? अगर नहीं तो फिर हम कैसे इसे पूर्णत: स्वतंत्र भारत कह सकते हैं। हमें अब पूरी तरह से स्वतंत्र होने की जरूरत है। और इसके लिए हमें खुद पर निर्भर होना पड़ेगा।
किसी भी दृष्टि से देखा जाए तो आत्मनिर्भरता मनुष्य के लिए सबसे बड़ा गुण है। और यदि हम आत्मनिर्भर है, अर्थात किसी और के ऊपर निर्भर नहीं है। तो हम पूरी तरह स्वतंत्र हैं। हमें किसी भी संकट में दूसरे के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं है।
वर्तमान में हम 21वीं शताब्दी में जी रहे हैं। फिर भी अनेक वस्तुओं के लिए दूसरे राष्ट्र या बाहरी कंपनियों पर निर्भर हैं।
आखिर कैसे हम खुद के ऊपर निर्भर हो सकते हैं?
इसके लिए हमें अपनी सारी आवश्यकता अनुसार वस्तुओं का उत्पादन अपने देश में ही करना होगा। इससे क्या होगा? लोगों के पास अपने ही राष्ट्र का सामान होगा। और इससे देश का पैसा देश में ही रहेगा।
अगर देखा जाए तो हमारे देश में किसी भी प्रकार के संसाधनों की कमी नहीं है, परंतु इन संसाधनों का कच्चा माल बाहर जाता है। और सामान बन कर वापस हमारे ही पास लौट आता है। तथा हम इसे खरीद भी लेते हैं। इससे हमें क्या फायदा होता है? इसका सारा फायदा विदेशी कंपनियां या दूसरे राष्ट्र ही उठाते हैं। क्योंकि वह हमारा ही कच्चा माल खरीद कर, सामान बनाकर हमें ही बेच देते हैं।
आखिर हम क्यों नहीं यह सामान अपने देश में ही बना पा रहे हैं? इसके लिए कार्य कार्य कुशल लोगों की आवश्यकता है। हमारे देश में ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो अपना काम में पूरी तरह माहिर ना हो, परंतु वे देश से बाहर चले जाते हैं। और वहां उनके लिए काम करते हैं। इसके पीछे का कारण यही है कि हमारे देश में उन्हें अच्छी फैकल्टी ना मिल पाना।
अगर हमारे देश में किसी वस्तु का उत्पादन हो भी रहा है। तो भी लोगों द्वारा बाहर का सामान खरीदा जाता है। क्योंकि वह सामान सस्ता होता है। इसके लिए हमें ही प्रयास करना होगा कि हम बाहरी वस्तु नहीं खरीदे। और देश का सामान सस्ता मिले। क्योंकि अगर अत्यधिक उत्पादन होगा तो सामान कि कीमतों में वैसे ही गिरावट आ जाएगी।
आगे बढता हुआ एक शहर
आत्मनिर्भर भारत का पूर्णत: तात्पर्य यही है, कि हमारा राष्ट्र हर क्षेत्र में हर मामले में और हर प्रकार से आत्मनिर्भर हो हर तरह की जरूरत कि वस्तु , चाहे वह एक पेन से लेकर यान तक क्यों ना हो हमारा देश खुद पर ही निर्भर हो।
इससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। जब प्रत्येक वस्तु का निर्माण देश में होगा तो अधिक से अधिक उद्योगों में ईजाफा होगा। और देश की गरीबी में कमी देखने को मिलेगी। रोजगार के नए नए अवसर पैदा होंगे, जिससे कि बेरोजगारी भी कम पड़ेगी।
जब हम खुद पर निर्भर होंगे तो किसी भी प्रकार की प्राकृतिक या मानवीय आपदा में हमें किसी दूसरे की मदद की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
पहले हमारे देश की शिक्षा नीति में कहां दम था। ऊंची शिक्षा प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों को विदेश जाना पड़ता था। परंतु अब देश की शिक्षा में सुधार आने लगा है। बड़े-बड़े कालेज खोले जा रहे हैं। अब हर प्रकार की शिक्षा देश में ही उपलब्ध होने लगी है। तो हमें देश में ही पढ़ कर देश को समृद्धि की ओर ले जाना होगा।
खुुश दिखते विद्यार्थी
ऐसे कई कई अन्य मामलों में हम आत्मनिर्भर होने लगे हैं। इसका एक उदाहरण हम वर्तमान में कोरोना महामारी से ले सकते हैं। जैसे कि जब कोरोना महामारी आयी तब कहा हमारे देश में अपनी पूर्ति के लिए मास्क, वेंटिलेटर या दूसरे प्रकार की चीजें जिनकी हमें अत्यंत आवश्यकता थी, वह उपलब्ध थी। परंतु हमारे देश में कार्य कुशल लोग थे। जिनके योगदान से हम इनका उत्पादन करने में सक्षम रहे। और हमें किन्ही दूसरे पर निर्भर नहीं होना पड़ा।
यह आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का एक अच्छा उदाहरण हो सकता है। इससे हम यह भी सबक ले सकते हैं कि अगर हम ठान ले तो कुछ भी करना आसान है।
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