इस पोस्ट में नारी पर अत्याचार से सम्बन्धित कविता उपलब्ध करवाई गई हैं की किस तरह एक महिला पर उसके ससुराल में अत्याचार किया जाता हैं और उसे मार दिया जाता हैं।
यह कविता लिखी हैं झारखंड के रहने वाले नेतलाल यादव जी ने। जो कई तरह की अपनी कविताएं यहां प्रकाशित करवा चुके हैं। और नई नई कविता लिखने का शौक रखते हैं।
नारी पर अत्याचार कविता
कविता: नवविवाहिता की हत्या
दो वर्ष पहले ही
हुई थी शादी
एक बड़ी रकम देकर
कर्ज के बोझ तले दबकर
टूट गया था कमर
क़र्ज़ तोड़कर अभी
गहरी सांस लिए ही थे
दामाद ने मांगा , बुलेट
फिर होने लगी उलझन
सताई जाने लगी बेटी
फूल-सी कल्पना
मुरझाई दो साल में
बेटी को देखकर
पिता ने बनाया मन
जमा करने लगे
हर महीने कुछ धन
बोले दमाद जी
जल्द करूंगा भेंट
कल्पना को खुश रखिये
कहां बसता है बुलेट
पर कृतघ्न दमाद को
नहीं हो पाया विश्वास
पिछले सप्ताह ही
कर दिया सत्यानाश
एक दिन घर वालों ने
कल्पना का गला दबाया
मर गई आपकी बेटी
यह ख़बर पहुँचाया
ख़बर सुनकर
माता-पिता का, हुआ बुराहाल
पर हत्यारों को
कहाँ था कोई मलाल
उनके लिए था, एक खेल
खुशी-खुशी, चल गए जेल
जेल से फिर आयेंगे
यही समाज ,सेहरा सजाएँगे
भूल जायेंगे ,किसी को मारा है
यह एक हत्यारा है, हत्यारा है ।।
कवि द्वारा इस कविता को पूर्ण रूप से स्वयं का बताया गया है। ओर हमारे पास इसके पुक्ते रिकॉर्ड्स है। कवि ने स्वयं माना है यह कविता उन्होंने किसी ओर वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं करवाई है।Name : नेतलाल यादव ।Address : प्लस टू उत्क्रमित उच्च विद्यालय शहरपुरा , जमुआ ,गिरिडीह झारखंड