हिंदी कविता – यह दुनिया एक जेलखाना है | Yah Duniya ek Jelkhana

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हिंदी कविता – यह दुनिया एक जेलखाना है

इस कविता में कवि ने जीवन के कटु सत्य को उजागर किया है तथा इस मोह माया से भरें संसार को एक जेल खाना बताया है जहां पर मरना, जीना जेल में आने-जाने के समान बताया है तथा कवि ने इन पंक्तियों के माध्यम से जीवन के सच्चे खजाने के बारे में बताया है जो प्रत्येक व्यक्ति अपने साथ ले जाता है

हिंदी कविता – यह दुनिया एक जेलखाना है

यह दुनिया एक जेलखाना है,
जिस में लगा रहता ,आना जाना है।
रोता – रोता आए इसमें,
जाना भी एक बहाना है।।

किसी को कुछ वर्षों की कैद हुई,
किसी को उम्र कैद बिताना है।
यह दुनिया एक जेलखाना है,
कुछ खोना कुछ पाना है।।

खुशियां पाई, गम है पाए,
दोनों को साथ निभाना है।
खुशियां मनाएं ,जब कोई आए,
जाने पर रोना और रुलाना है।।

यह दुनिया एक जेलखाना है ,
जिसमें लगा रहता ,आना-जाना है।
माल खजाने, सब कुछ जोड़े,
साथ कुछ न, ले जाना है।।

मुट्ठी बंद करके लाना,
सब कुछ हार कर जाना है।
आकर यहां , रिश्ते अनेक बनाना है ,
एक-एक करके उन सबको निभाना है।।

लूट – लूट माया है जोड़ी,
रह जाना, पड़ा खजाना है।
कर लें नेकी ,तू जग में,
बड़ा इससे न कोई खजाना है।।

यह दुनिया एक जेलखाना है ,
जिसमें लगा रहता ,आना जाना है ।
रोता – रोता आए इसमें,
जाना भी एक बहाना है।।

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कवि द्वारा इस कविता को पूर्ण रूप से स्वयं का बताया गया है। ओर हमारे पास इसके पुक्ते रिकॉर्ड्स है। कवि ने स्वयं माना है यह कविता उन्होंने किसी ओर वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं करवाई है। 


लेखक:   नन्ना कवि 
            राहुल भारद्वाज

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