संघर्ष जो की किसी भी तरह का हों सकता है। एक व्यक्ती जो छोटा हो या बड़ा अमीर हो या गरीब उसे अपने जीवनकाल के शुरुवाती दौर से ही कई तरह के संघर्षों का सामना करना पड़ता है।
इस पोस्ट में आपके लिए लेकर आए हैं संघर्ष पर हिंदी कविता। इसे एक प्रेणादायक अथवा जोश प्रदान करने वाली कविता भी हैं
संघर्ष पर हिंदी कविता। Poem on Sangharsh in Hindi
चढ़ चलो उस लक्ष्य तक कठिनाइयों से मत डरो
जिसको ना देखा आज तक उस मृत्यु से भय मत करो ।।
साहस जुटाओ वीर सा अद्भुत पराक्रम कर चलो
सौगन्ध लेकर कर्म की हे वीर रण मे बढ़ चलो ।।
रच दो कहानी शौर्य की गौरवमयी इतिहास मे
अविचल शिखाएं हैं अडिग भूखण्ड के हर न्यास मे।।
तुम वीर हो इस भूमि के जहाँ धर्म रूपी राम हैं
सन्यास है मुनि बुद्ध सा और कर्मयोगी श्याम हैं।।
उनका चरित जो बह रहा धारण करो सब सुहदजन
‘ आर्यन सम्भालों धर्मध्वज दो राष्ट्र रक्षा का वचन।।
कवि द्वारा इस गीत को पूर्ण रूप से स्वयं का बताया गया है। ओर हमारे पास इसके पुक्ते रिकॉर्ड्स है। कवि ने स्वयं माना है यह कविता उन्होंने किसी ओर वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं करवाई है।
रचनाकार – आर्यपुत्र आर्यन जी महाराज
भागवत कथावाचक एवं लेखक