पति पत्नी प्रेम कविता।
कविता: कलियां आज चुनने दे
आज ना जाओ दूर हमसे,
पहलू मैं अपने रहने दे।
दिल में दबी बात,
आज मुझे कहने दे।
रहगुजर है तू मेरी,
साथ मुझे चलने दे।
है छिपे जो राज सारे,
आज इन्हे तू खुलने दे।
हमनफस तू हमनवां तू,
ख्वाब मुझे बुनने दे।
इश्क की राह में मुझको,
कलियां आज चुनने दे।
गीत कोई प्यार का,
आज मुझे सुनने दे।
धड़कनों में नशा-ए-इश्क,
आज तू घुलने दे।
कवि द्वारा इस कविता को पूर्ण रूप से स्वयं का बताया गया है। ओर हमारे पास इसके पुक्ते रिकॉर्ड्स है। कवि ने स्वयं माना है यह कविता उन्होंने किसी ओर वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं करवाई है।Name : विशाल शुक्ला भैरोपुर, मिसरोदभोपाल, मध्यप्रदेश
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