कोयल पर कविता। Koyal par kavita in Hindi

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कोयल की आवाज़ तो आपने सुनी ही होगी। और यदि आवाज नहीं सुनी हैं तो उसके चर्चे तो सुने ही होंगे। आखिर कोयल की आवाज ही इतनी मधुर होती हैं।
आज हम आपके लिए लेकर आए हैं इसी कोयल पर कविताKoyal par kavita in Hindi लिखी हैं कवियत्री इशिका चौधरी जी ने। कविता को पढ़कर इसके बारे में हमें अपने विचार जरूर बताएं।
Koyal par kavita in Hindi

कोयल पर कविता। Koyal par kavita in Hindi

बोले कोयल पेड़ पर बैठकर।
मधुर मधुर से गीत गाएं।।
आने वाला है जो कोई संदेश।
उसकी नयी खबर सुनाएं।।
आवाज है कुछ रूकी-रूकी सी।
गीत नहीं है पहले जैसा।।
छत पर जाएं बारी-बारी से सबकी।
अब शब्दों का मोल नहीं है पहले जैसा।।
हवा का ये नया रूप देखकर।
रो रही है कोयल बेचारी।।
दिख नहीं रहा है कोई उसको।
संसार को लग गई ये कैसी बिमारी।।
आसान नहीं है कोयल के लिए ये सब।
तड़पती यूं फिर रही है।।
सबके घरों के पेड़ पर जाकर।
उनकी कोई खबर ले रही है।।
इशिका चौधरी
आशा करते हैं आपको यह कविता पसंद आईं होंगी। ओर आपको अच्छी लगी होगी।
अब बस आपसे एक ही निवेदन हैं कि इस कोयल पर कविता के बारे में अपने विचार comment करके बताएं व अपने दोस्तों साथियों तक नीचें दिख रहें share बटन की सहायता से अवश्य पहुंचा
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