अगर मै विद्यालय का प्रधानाचार्य होता हिंदी निबंध agar me pradhanachary hota nibandh

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क्या आपने कभी सोचा है कि यदि आप प्रधानाचार्य होते तो क्या करते ओर किस तरह समाज में अपनी बेहतर भूमिका निभाते। इससे सम्बन्धित हर व्यक्ति के अपने अलग अलग विचार हो सकते हैं।

आज हम इसी से सम्बन्धित अगर में प्रधानाचार्य होता तो निबंध लेकर आए हैं। इस निबंध को पढ़कर आप अपना गृहकार्य कर सकते है ओर इसकी सहायता से भी अपना निबंध लिख सकते हैंैैं

अगर मै प्रधानाचार्य होता तो हिंदी निबंध। agar me pradhanacharya hota nibandh

1. प्रधानाचार्य के बारे में
2. प्रधानाचार्य के कार्य
3. प्रधानाचार्य की भूमिका
4. अगर मै प्रधानाचार्य होता

  • मेरे द्वारा किए जाने वाले काम
  • मेरे द्वारा न किए जाने वाले कार्य

प्रधानाचार्य के बारे में

क्या आप जानते है कि किसी स्कूल या विद्यालय का प्रधानाचार्य कोन कहलाता है? क्या आपको अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य का नाम पता है?
जिस प्रकार हर किसी संस्था का कोई न कोई व्यक्ति मुख्य कार्यकारी होता है उसी प्रकार हर विद्यालय में एक शिक्षक की भूमिका सबसे ऊंची होती है। जो पूरे स्कूल की देखरेख करता है ओर जिसके उपर पूरे विद्यालय का कार्यभार होता है। वहीं उस विद्यालय का प्रधानाचार्य कहलाता है।
अर्थात विद्यालय का मुखिया ही प्रधानाचार्य कहलाता है।
प्रधानाचार्य को ही उस विद्यालय का प्राचार्य कहा जाता हैं।
अगर मै प्रधानाचार्य होता तो निबंध

प्रधानाचार्य के कार्य

प्राचार्य का मुख्य तौर पर उसके विद्यालय की देख रेख करना और उस स्कूल को तौर तरीको से चलाना हैं।
किसी विद्यालय में बच्चो की सुविधा से लेकर स्कूल की आवश्यकतानुसार चीजों की पूर्ति करने में भी एक प्राचार्य की ही भूमिका होती है।
स्कूल की वर्तमान स्थिति क्या है। कितने बच्चे स्कूल आए है। किस दिन कौन शिक्षक अनुपस्थित है। इसकी जिम्मेदारी भी प्राचार्य के पास ही होती है। कि शिक्षक न होने पर किस प्रकार उसकी अनुपस्थिति में किस शिक्षक को भेजना है।
यदि विद्यालय मै कभी कोई घटना घटित हो जाती है तो इसका जवाब भी प्रिंसिपल को ही देना होता है। कि कैसे क्या हुआ है।
किसी स्कूल को चलाने में वहां के principle की मुख्य भूमिका होती है।
परीक्षा के दौरान विद्यालय के लिए टाइमटेबल सेट करना ओर प्रश्नों पत्रों व उत्तर पुस्तिकाओं को उचित विषय के शिक्षक तक पहुंचाने कार्य भी एक प्रधानाचार्य ही करता है।
किसी विद्यार्थी द्वारा किसी भी प्रकार से कोई अनुशासन हीनता करने पर उसे उचित दंड देना या उसके घर वालों तक जानकारी देने में भी प्राचार्य का मुख्य योगदान होता है।

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अगर मै शिक्षक होता तो

कभी कभी में सोचता हूं कि अगर मै विद्यालय का प्राचार्य बन जाऊ तो मै कई ऐसे कार्य करता जिनसे की विद्यालय के अनुशासन ओर शिक्षा को बेहतर बनाया जा सकता होो।

  • क्या क्या करता

  1. अपने कार्यशक्ति के अनुसार हरदम हरपल विद्यालय की शिक्षा को उचित बनाने में लगा देता।
  2. मै सबसे पहले बच्चो को शिक्षा का महत्व बताते हुए व वहां की शिक्षा पर ध्यान देता। 
  3. किसी भी प्रकार से शिक्षा मै कोई कमी दिखने पर तुरंत उसका समाधान करता। 
  4. विद्यालय में आने वाले शिक्षकों की हमेशा मीटिंग लेता ओर समय समय पर उनको नई नई जानकारियां देता ओर विद्यार्थियों कि शिक्षा को लेकर कोई नए नए प्लान बनाता।
  5. विद्यालय में किसी सुविधा की कमी होने पर कर्मचारियों के माध्यम से उसे हल करवाता।
  6. विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों मै कमजोर बच्चो पर विशेष ध्यान देता ओर शिक्षक के माध्यम से उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान करने का प्रयास करता।
  7. विद्यालय में उचित समय अनुसार सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाता। जिससे कि विद्यार्थियों का मनोरंजन भी हो जाए ओर उनकी प्रतिभा भी बाहर आ सके।
  8. विद्यालय में खेल के लिए हर सुविधा का प्रबंध करता। ओर विद्यालय का ऐसा माहौल बना देता की जहां बच्चे ओर शिक्षक साथ साथ खेल सकें।
  9. विद्यालय में बच्चों को किताबी ज्ञान के अलावा नेतिक शिक्षा खेलकूद व दूसरे अनेक कार्य करवाने पर जोर देता जो कि हर किसी के लिए महत्वपूर्ण हैं।

  • मै क्या क्या नहीं करता

  1. कभी भी विद्यालय मै शिक्षा से सम्बन्धित कोई compromise नहीं करता जिससे की विद्यार्थियों की शिक्षा पर कोई असर पढ़ रहा हो।
  2. किसी भी प्रकार से विद्यार्थियों द्वारा अनुशासन हीनता करने पर उसे नीचे दबाने का प्रयास नहीं करता।
  3. अगर किसी मामले में शिक्षक गलती मै पाए जाते हो तो ऐसा कभी नहीं करता की उन्हे अपना समझकर बात को बुल जाऊ। या बात को दबा देता।

निष्कर्ष

अगर मै किसी विद्यालय का प्रधानाचार्य बन जाऊ तो मै पूरी तरीके से उस विद्यालय की शिक्षा को बेहतर बनाने का प्रयास करूंगा। 
विद्यालय में किताबों के अलावा नेतीक शिक्षा ,खेलकूद सांस्कृतिक कार्यकर्मों पर ध्यान दूंगा ओर बच्चो को हर कार्य के काबिल बनाने का प्रयास करूंगा।
मै आशा करता हूं भगवान मुझे एक दिन इस काबिल बनाए की में किसी विद्यालय का प्रधानाचार्य बन संकू।
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आशा करते हैं आपका महत्त्वपूर्ण कार्य इस निबंध की सहायता से संपूर्ण हुआ होगा और यदि आपको लगता है कि आपके साथियों को इसकी आवश्यकता है तो उनके साथ इस अगर मै प्रधानाचार्य होता तो निबंध को अवश्य साझा करें।
और हिंदी अंश को विजिट करते रहें।
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