मानव जीवन! जो की कई तरह की कठिनाइयों के साथ, हर प्रकार के सुख दुःख से भरा पड़ा है। और जीवन भर हमें कई तरह के संघर्ष करने पड़ते हैं।
इस लेख में आप मानव जीवन के ऊपर संघर्ष पर कविता पढ़ेंगे। जो की उदयपुर की रहने वाली निकिता पांड्या द्वारा लिखी गई हैं।
संघर्ष पर हिंदी कविता |
संघर्ष पर कविता। Sangharsh par kavita
बचपन से शुरू हुआ संघर्ष वहा तक साथ चलता हैं।
सुना था हमने संघर्ष ही जीवन हैं।
अरे बताए हमे कोइ ये कैसा जीवन हैं।
संघर्ष तब भी हुआ जब देश आजाद हुआ
और संघर्ष तब भी हुआ जब दो दलों में मत भेद हुआ
कोई समझाए मुझे संघर्ष का अर्थ
यह एक सीधा सा शब्द क्यों मेरे लिए शब्दहीन हैं।
जब बेईमान लोग अपनी गाडियों में बैठ कर निकलते हैं
पीछे से आवाज आती हैं
नेताजी आप संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ है।
अरे ! गाड़ियों में बैठने वालों के लिए भी संघर्ष उतना ही
जरूरी है क्या ?
जितना एक गरीब को अपना पेट पालने में..
फिलहाल संघर्ष से इतना समझ आता हे ।
ये संघर्ष लोगो की तरह रंग नहीं बदलता ।
इस संघर्ष से ये समझ आता है। ये सभी के लिए समान है।
सुना था हमने संघर्ष ही जीवन हैं।
अरे बताए हमे कोइ ये कैसा जीवन है !!!
Name :- Nikita Sonu Pandya.Address ;- Bhinder .Dist :- Udaipur Rajsthan..
आशा करते हैं आपको यह कविता पसंद आईं होंगी। ओर आपको अच्छी लगी होगी।
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