वसंत पंचमी पर कविता। Vasant Panchami par kavita
कविता : वसंत पंचमी
नई आशा और नए सवेरा का आगाज है वसंत,
नया काम नया जोश नया प्रणाम है वसंत।
नई दुनिया नए ख्यालात नए रास्ते है वसंत,
मुरझाए को हरा कर दे ऐसा है वसंत।
नई फसल नई कोंपले लेकर आता है वसंत,
सुखा घास सुखी दुनिया में उजाला है उस वसंत।
पर्वत पानी झरना बादल सब के सब है वसंत,
जिंदगी में खुशियां लाता और बुराई मिटाता है वसंत।
अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है वसंत,
जिंदगी में खुशी की बाढ़ लाता है वसंत।
खान मनजीत सब कुछ त्याग बुराई करो इनका अंत,
नई वसंत से नई शुरुआत देने आया नया वसंत।
कवि द्वारा इस कविता को पूर्ण रूप से स्वयं का बताया गया है। ओर हमारे पास इसके पुक्ते रिकॉर्ड्स है। कवि ने स्वयं माना है यह कविता उन्होंने किसी ओर वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं करवाई है।
रचनाकार – खान मनजीत भावड़िया मजीद
गांव भावड तह गोहाना जिला सोनीपत हरियाणा
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