लड़कियों पर बंदिशों से सबंधित कविता
लड़कियों पर बंदिशों से सबंधित कविता
क्यों मुझे दायरो में बाँधने की
कोशिश की जाती हैं?
मैं अपने ख्वाबों के पंखो से
आसमां में उड़ना चाहती हूँ
ये क्यों उन्हे समझ नहीं आती हैं
क्यों मेरे सपनों पर लोग हंसते हैं?
मैं ख्वाबों को अपने हकीकत
करना चाहती हूँ
लोग मुझे क्यों जंजीरों से लगते हैं
क्यों मुझे अपने फैसले लेने
का हक नहीं ?
मैं इन फैसलों से अपने एक
मुकाम पाना चाहती हूँ
लोगोंको मुझ पर क्यों यकीन नहीं
क्यों मेरे साधारण होने पर
मेरे दोस्त मुझ पर हंसते हैं?
मैं खुद में सबसे अनोखी हूँ
वो क्यों ये नहीं समझते हैं
अपने ख्वाबों को हकीकत कर
इस क्यों का जवाब देना हैं
मुझे इस दुनिया में अपनी
एक अलग पहचान बनाना हैं
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कवियत्री द्वारा इस कविता को पूर्ण रूप से स्वयं का बताया गया है। ओर हमारे पास इसके पुक्ते रिकॉर्ड्स है। कवियत्री ने स्वयं माना है यह कविता उन्होंने किसी ओर वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं करवाई है।
कवियत्री: Anu Kumari jha ..
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