विद्यालय का सीधा सा तात्पर्य है विद्या का आलय। अर्थात विद्या का घर। हमारे जीवन में शिक्षा का भूत महुत्व है ओर उसी शिक्षा को प्राप्त करने हम स्कूल जाते है जिसे विद्यालय भी कहते है।
आज हम इस पोस्ट में लेकर आए है उसी विद्यालय पर कविता अर्थात मेरे विद्यालय पर कविता ( vidhyalaya par kavita ) जो कि काफी सुंदर व रोमांचक कविता है।
hindi poem for school |
मेरे विद्यालय पर कविता (hindi poem for school)
ज्ञान का भंडार हैं जहां।
इससे बेहतर जगह है कहां।।
पुस्तकों की यहां कमी नहीं।
ज्ञान की जहां अल्पता नहीं।।
गुरु का साथ है यहां।
मेरा विद्यालय से बेहतर विद्यालय है कहांं।।
ज्ञान का मंदिर है ये।
मेरे लिए जन्नत है ये।।
दोस्तों का साथ यहां।
जिंदगी का आनंद यहां मिला।।
यहां आकर ऐसा लगता।
जैसे देख लिया हो काला सपना।।
बच्चों के लिए है कोई जेल जैसा।
अपने लिए है जिंदगी का बड़ा कोना।।
शिक्षकों की डांट मिलती।
जिंदगी हमेशा कुछ नया सिखाती।।
रोज का वो लड़ाई झगड़ा।
फिर से एक हो जाना।।
कोई स्कूल जाने से डरता।
तो किसी की इच्छा नहीं होती।।
हर रोज कुछ नया सिखाता।
ऐसा है मेरा विद्यालय।।
शिक्षकों की यहां है भरमार।
हर रोज कुछ अलग बताते।।
नहीं सुनने पर इनकी।
पड़ती थी वो प्यारी मार।।
एक के बाद एक शिक्षकों का आना।
कुछ अलग विषयों का बताना।।
कोई शिक्षक लगता प्यारा।
तो कोई प्यार करता बच्चो को खूब सारा।।
हर किसी की जिंदगी यहां संवरती।
हर किसी को सही रास्ता ये बतलाता।।
एक बार आने के बाद जिसे कोई भूल नहीं सकता।
ऐसा है मेरा प्यारा विद्यालय।।
शिक्षक हमें मेथ समझाते।
फिर हम आपस में खूब ज्ञान बाटते।।
विज्ञान का ज्ञान हमें दिया जाता।
फिर कभी हम भी जादूगर बन जाते।।
अपना पर्यावरण है कितना प्यारा।
यह हमें शिक्षक बताते।।
फिर हम सब मिलकर।
कभी चित्रकारी भी करते।।
अनुशासन है यहां तगड़ा।
कभी उलंघन न कोई करता।।
मंदिर स्वरूप यह कहलाया।
आखिर इसने हर किसी की जिंदगी को जो सवारा।।
ज्ञान का भंडार हैं जहां।
इससे बेहतर जगह है कहां।।
गुरु का साथ है यहां।
मेरा विद्यालय से बेहतर विद्यालय है कहां।।
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आशा करते हैं आपका महत्त्वपूर्ण कार्य इस कविता की सहायता से संपूर्ण हुआ होगा और आपको यह पसंद आई होगी। यदि आपके साथियों को इसकी आवश्यकता है तो उनके साथ इस मेरे विद्यालय पर कविता को अवश्य साझा करें।
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