धूम्रपान पर कविता |
धूम्रपान पर कविता dhumrapan par kavita
आज की जीवन शैली
अटकी हुई है धूम्रपान पर
आज हर कोने में
दिखाई दे रहे हैं धूम्रपान करने वाले
लेकिन उन्हें सेहत की कोई फिक्र नहीं
वो समझते हे बड़ा
जो खुद की सेहत के लिए
तो हानिकारक
साथ में धूम्रपान उसके मित्र दोस्त
उसके पास बैठे हैं
उनको भी करता है नुकसान
कैसी आदत है
सुबह मुंह धोने से पहले
बीड़ी सिगरेट या हुक्का
पीते हैं
वह भी सिर्फ केवल
शौचालय जाने के लिए
पेट की सफाई करने के लिए
आनन्दित होने के लिए
लेकिन इसका नुकसान है
अपने सेहत में
इस धूम्रपान को करने से
हमारे कैंसर व गुर्दे तक
खराब हो जाते हैं
अब प्रलय लें
धुम्रपान नहीं करेंगे
और दूसरों को भी रोकेंगे
—————————-
कवि द्वारा इस कविता को पूर्ण रूप से स्वयं का बताया गया है। ओर हमारे पास इसके पुक्ते रिकॉर्ड्स है। कवि ने स्वयं माना है यह कविता उन्होंने किसी ओर वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं करवाई है।
रचनाकार – खान मनजीत भावड़िया मजीद
गांव भावड तह गोहाना जिला सोनीपत हरियाणा
इस धूम्रपान पर कविता के बारे में अपने विचार comment करके हमें ज़रूर बताएं और अपने साथियों तक इसे अवश्य पहुंचाए ।
और हिंदी अंश को विजिट करते रहें।
_________________
अपनी कविता प्रकाशित करवाएं
Mail us on – Hindiansh@gmail.com