दिल का दर्द कविता। इंसान की असलियत पर कविता
बहुत दर्द होता है :- कविता
जी हां !
दर्द होता है
बहुत दर्द होता है !
कानों के साथ-साथ
सीधे सीने में होता है,
जब कोई महिला
भरे पंचायत में
अपनी पड़ोसन को
चिल्ला-चिल्लाकर
डायन कहती है,
जब कोई अपने ही
सगे भाई की
कर देता है हत्या
भतीजा केस करने
पहुँचता है थाना,
जब कोई बूढ़ी माता
आँचल से आँसू पोछ
सिसकियां भरते हुये
व्यथा सुनाती है
गाँव के पंच परमेश्वर को ,
जब कोई जवान पुत्र
बाप से करता है सवाल
बढ़ जाता है बवाल
कहता है, कुछ नहीं किये
आप मेरे लिये ,
जब कोई रोगी
डॉक्टर के सामने
पर्ची के इंतजार में
तड़प-तड़पकर
दम तोड़ देता है ,
दर्द तब और बढ़ जाता है
जब देखता हूँ
कुछ बच्चों के हाथों में
किताबों की जगह
कूड़ा बीनने वाला थैला
यह सब देखकर
बहुत दर्द होता है
बहुत दर्द होता है ।।
# नेतलाल यादव
कवि द्वारा इस कविता को पूर्ण रूप से स्वयं का बताया गया है। ओर हमारे पास इसके पुक्ते रिकॉर्ड्स है। कवि ने स्वयं माना है यह कविता उन्होंने किसी ओर वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं करवाई है।
Name : नेतलाल यादव ।
Address : प्लस टू उत्क्रमित उच्च विद्यालय शहरपुरा , जमुआ ,गिरिडीह झारखंड
आशा करते हैं आपको यह कविता पसंद आईं होंगी। ओर आपको अच्छी लगी होगी।
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