साल का पहला दिन |
साल का पहला दिन
साल का पहला दिन है आज
बस एक दुआ है मेरी
किसी का भी चेहरा ना हो उदास .. .
किसी कि आखों मे ना छलके बेचैनियों का राज
क्योंकि बर्ष का सबसे प्यारा दिन है आज….
बार बार नही आती जो रूत है आज
बड़े बडो़ कि जब महफ़िल सजेगी,
रात तो होने दो तन्हाई भी पता चलेगी…
जब मुस्कुरायेगा मौसम तो नयी कली खिलेगी
आज सबकी आखों मे नयी चाहत मिलेगी…..
हाँ तभी आयेगी किसी को किसी कि याद
जब सितारे करेगें उस चांद कि फरियाद…
किसी का चेहरा ना उदास
क्योंकि साल का पहला दिन है आज.!
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कवियत्री द्वारा इस कविता को पूर्ण रूप से स्वयं का बताया गया है। ओर हमारे पास इसके पुक्ते रिकॉर्ड्स है। कवियत्री ने स्वयं माना है यह कविता उन्होंने किसी ओर वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं करवाई है।
कवियत्री:
Anchal Singh
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