आज के समय में कविता | Aaj ka Samay Par Kavita

Reading Time: 1 Minute

आज के समय में कविता

घिरे हुए

आज के समय में

हम सब चारों ओर से

घिरे पड़े हैं

कोई बरोजगारी में घिरा 

कोई ज्यादा दौलत से घिरा

कोई शर्म के दामन में घिरा

कोई गरीबी की मार में घिरा

कोई दो वक्त रोटी की मांग में घिरा

कोई बच्चों की पढ़ाई की मार में घिरा

कोई मजदूरी की चाहत की मार में घिरा

हर कोई किसी न किसी रूप में घिरा हुआ है

ये घिरतेपन से कब आजाद होगा ।
——————-

कवि द्वारा इस कविता को पूर्ण रूप से स्वयं का बताया गया है। ओर हमारे पास इसके पुक्ते रिकॉर्ड्स है। कवि ने स्वयं माना है यह कविता उन्होंने किसी ओर वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं करवाई है।
रचनाकार – खान मनजीत भावड़िया मजीद
गांव भावड तह गोहाना जिला सोनीपत हरियाणा
इस कविता के बारे में अपने विचार comment करके हमें ज़रूर बताएं और अपने साथियों तक इसे अवश्य पहुंचाए ।
और हिंदी अंश को विजिट करते रहें।  
_________________
अपनी कविता प्रकाशित करवाएं
Mail us on – Hindiansh@gmail.com

इन्हें ज़रूर पढ़े ;

Spread the love

Leave a Comment